Move to Jagran APP

निरसा के पोलकेरा में डायरिया से महिला की मौत, एक दर्जन से अधिक पीड़ित

निरसा थाना क्षेत्र के पोलकेरा गांव में डायरिया से सोमवार की देर रात 60 वर्षीय बहामुनी हेंब्रम की मौत हो गई। वहीं एक दर्जन से अधिक ग्रामीण पीड़ित हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 09:33 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 09:33 PM (IST)
निरसा के पोलकेरा में डायरिया से महिला की मौत, एक दर्जन से अधिक पीड़ित
निरसा के पोलकेरा में डायरिया से महिला की मौत, एक दर्जन से अधिक पीड़ित

निरसा : निरसा थाना क्षेत्र के पोलकेरा गांव में डायरिया से सोमवार की देर रात 60 वर्षीय बहामुनी हेंब्रम की मौत हो गई। वहीं एक दर्जन से अधिक ग्रामीण पीड़ित हैं। 13 वर्षीय सूरज हेंब्रम व 13 वर्षीय जसोदी हेंब्रम की गंभीर हालत को देखते हुए दोनों को गोविदपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं निरसा सीएचसी से चिकित्सकों का दल गांव का दौरा कर लोगों को डायरिया से बचाव की दवा व ओआरएस घोल दे रहा है। मृतक बहामुनी के स्वजनों ने बताया कि सोमवार की रात उसे एक बार उल्टी व दो बार दस्त हुआ। इसके बाद बहामुनी हेंब्रम की मौत हो गई।

loksabha election banner

हालांकि, चिकित्सकों के दल का कहना है कि महिला की मौत डायरिया से नहीं, बल्कि किसी अन्य बीमारी से हुई है। गांव के अन्य पीड़ितों को दवा दी गई है। सभी की स्थिति नियंत्रण में है। जानकारी के अनुसार सोमवार को पोलकेरा गांव के 15 ग्रामीणों को उल्टी व दस्त की शिकायत होने लगी। इस दौरान बहामुनी हेंब्रम की मौत हो गई। वहीं सूरज हेंब्रम व जसोदी हेंब्रम की तबीयत बिगड़ने लगी। आनन-फानन में स्वजनों ने उनको गोविदपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। इसके अलावा गांव में रीतलाल बास्की, चिरीलाल बास्की, छोटू लाल हेंब्रम, रामदास हेंब्रम, राजीव हेंब्रम, प्रेम हेमराज, शिवानी बास्की, नंदा बास्की, महारानी हेंब्रम, लखींद्र हेंब्रम, हीरा हेंब्रम, रविदर सोरेन, अलोम हेंब्रम को भी दस्त व उल्टी की शिकायत होने लगी। मामले की जानकारी पाकर निरसा सीएचसी प्रभारी डा. रोहित गौतम ने चिकित्सकों के दल गांव भेजा और सभी को दवा व ओआरएस का घोल पिलाया गया। चिकित्सकों ने ग्रामीणों को पानी उबालकर पीने व बासी खाना से परहेज करने की सलाह दी। डा. रोहित गौतम ने बताया कि सभी को फूड प्वाइजनिग के कारण डायरिया हुआ है। दो दिन पहले मोराडीह में छाता मेला लगा था, जहां ग्रामीणों ने खोमचे में बिकने वाला सामान खाया है। गांव में चापाकल रहने के बावजूद ग्रामीण दाड़ी चुआं का पानी पीते हैं। ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे पानी को गर्म करके पीएं और ओआरएस का घोल समय-समय पर लेते रहें। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.