मृतदेह का वजन चाहे कितना भी हो पर रेलवे वसूलेगा दो क्विंटल का किराया
मृतदेह का वजन चाहे कितना भी हो पर शव परिवहन के लिए रेलवे दो क्विंटल का किराया वसूलेगा।
धनबाद, तापस बनर्जी। भगवान न करे, अगर किसी बुजुर्ग का अपने घर से बहुत दूर वेल्लूर में इलाज के दौरान निधन हो जाए तो आम आदमी के लिए शव घर तक लाने का सबसे किफायती साधन रेलवे ही है। रेलवे ने भी संवेदनाएं दिखाते हुए शव पर लगने वाला जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स भी हटा लिया है।
तब आप सोच रहे होंगे कि इससे तो पहले की तुलना में कम पैसे ही चुकाने होंगे। बावजूद आपको यह जानकर हैरत होगी कि पैसे वाकई कुछ कम जरूर लगेंगे, मगर शव का वजन पूरे दो क्विंटल होगा। चौंकिए मत, यह हम नहीं कह रहे बल्कि रेलवे का नियम है।
चुकाना होगा दो क्विंटल का किराया
मृतदेह का वजन चाहे कितना भी हो पर शव परिवहन के लिए रेलवे दो क्विंटल का किराया वसूलेगा। उदाहरण के तौर पर काटपाडी (वेल्लूर) से धनबाद तक अलेप्पी एक्सप्रेस से शव लाने के लिए बुकिंग कराने पर दो क्विंटल का ही शुल्क देना होगा। इसी तरह दिल्ली के एम्स या अन्य किसी अस्पताल से शव लाने के लिए इतने ही वजन का किराया रेलवे वसूलेगी।
कई प्रक्रियाओं के बाद शव लाने की मिलेगी अनुमति
पार्सल यान में शव लाने के लिए उसे ताबूत में रखना होगा। उससे जुड़े सभी दस्तावेज मेडिकल रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाणपत्र वगैरह की जेरॉक्स कॉपी देनी होगी। मूल प्रमाणपत्र भी दिखाने होंगे। इन प्रक्रियाओं के पूरा होने पर ही शव लाने की अनुमति मिलेगी। जिस पार्सल यान में शव लाया जाएगा, उसमें अन्य कोई सामान नहीं रखा जाएगा।
ये है रेलवे का निर्देश
एक जुलाई 2017 से जीएसटी के प्रभावी होने के साथ टे्रनों से शव परिवहन पर भी इसकी वसूली हो रही थी। मंत्रालय के वित्त निदेशालय से परामर्श के बाद अक्टूबर से रेलवे ने शव परिवहन पर जीएसटी में छूट दी है। मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि शव परिवहन को न तो सामान और न ही सेवा के दायरे में रखा जाएगा और इस वजह से इसके लिए जीएसटी की आवश्यकता नहीं होगी।
काटपाडी से धनबाद का किराया
जीएसटी सहित -1769
जीएसटी रहित - 1684
दिल्ली से धनबाद का किराया
जीएसटी सहित - 1237
जीएसटी रहित - 1178
-खास बातें -
- परिवहन शुल्क में ही जुड़ा रहेगा दो फीसद डेवलपमेंट चार्ज
- नहीं चुकाना होगा जीएसटी के तौर पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क
इस बारे में विस्तृत जानकारी तो नहीं है। पर बोर्ड ने जो गाइडलाइन निर्धारित किया है, शुल्क उसके अनुसार ही लिया जाएगा।
पीके मिश्रा, पीआरओ
धनबाद रेल मंडल।