Move to Jagran APP

Weekly News Roundup Dhanbad: आइएएस बिरादरी में इन दिनों खूब हो रही चर्चा-साहब का समय हुआ खत्म

Weekly News Roundup Dhanbad ठेला वाला जोर जोर से चिल्ला रहा था 40 रुपये किलो आम...40 रुपये...मीठा इतना कि चीनी भी फेल। एक घंटा के भीतर ठेला से गिनती के आम बचे थे।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 01:54 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 07:25 AM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: आइएएस बिरादरी में इन दिनों खूब हो रही चर्चा-साहब का समय हुआ खत्म
Weekly News Roundup Dhanbad: आइएएस बिरादरी में इन दिनों खूब हो रही चर्चा-साहब का समय हुआ खत्म

धनबाद [ अश्विनी रघुवंशी ]। आइएएस बिरादरी मान चुकी है कि जल्द उन लोगों के तबादले की लंबी सूची निकलने वाली है। भाजपा राज में अमित कुमार को पहले तत्कालीन सीएम रघुवर दास के गृह शहर जमशेदपुर का जिलाधिकारी बनाया। फिर धनबाद का। आइपीएस के थोक तबादले के बाद उन्हें भान हो गया कि जल्द विदाई होनी है। डीसी आवास में प्रवेश करते ही खुसफुसाहट सुनायी देती है कि साहब ने अधिकतर सामान पैक करा दिया है। दरअसल, हेमंत सरकार ने पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया। आधे से अधिक जिलों के पुलिस कप्तान बदल गये अथवा महत्वहीन जगहों पर गये। यह तब हुआ जब कोरोना के कोहराम के बीच पुलिस के कामकाज की पूरे प्रदेश में जय जय हो रही थी। संदेश गया कि भाजपा सरकार में जो एसपी अच्छी जगह पर थे, उन्हें किनारे लगा दिया गया। कोरोना काल में किया गया बढिय़ा काम गया तेल लेने।

loksabha election banner

सुनते हो जी, समोसा खिला दो
धनबाद का बस पड़ाव। उसके ठीक सामने सड़क के किनारे कड़ाहे पर गरमागरम तेल में समोसा डाला जा रहा था। सामने कावेरी मिष्ठान भंडार से एक दंपती मिठाई का डिब्बा लेकर निकल रहा था। पतिदेव को बोल पड़ी कि सुनते हो जी, समोसा खिला दो, जमाना गुजर गया गरमागरम समोसा खाये। पतिदेव ने भी निगाह दौड़ायी तो उन्हें पकौड़ी, आलू चाप, जलेबी समेत कई तरह के लजीज व्यंजन के दर्शन हुये। पतिदेव बोल पड़े कि प्रियंका के मन की हो गयी। दंपती पहुंच गये दुकानदार के पास। धनिया पत्ती और टमाटर की चटनी भी छोटे पतीले से झांक रही थी। चटनी के साथ समोसा का आर्डर किया तो दुकानदार का जवाब था, यहां से ग्र्राहक सामान ले जा सकते हैं खा नहीं सकते। दंपती को ठोंगा में समोसा मिला। कार में बैठकर तुरंत हो दोनों शुरू। लॉकडाउन में पहली बार समोसा मिला जो था।

आम लोगों के लिए आया 'आम'
बरटांड़ सब्जी बाजार। शनिवार को कोलाहल खूब। आम के आठ दस ठेलों की तरह लगातार लोग बढ़ रहे थे। ठेला के बगल से गुजरने वालों को बैगनपिल्ली अपने आकार से लुभा रहा था तो लंगड़ा की रह रह कर भीनी खुशबू से लोगों को सहसा उधर देखने को मजबूर कर रहा था। ठेला वाला जोर जोर से चिल्ला रहा था, 40 रुपये किलो आम...40 रुपये...मीठा इतना कि चीनी भी फेल। एक घंटा के भीतर ठेला से गिनती के आम बचे थे। आखिर आम लोगों के लिए 'आमÓ जो आया था। सस्ता और मीठा भी। उधर एक ठेला वाला चिल्ला रहा था कि 40 रुपये दर्जन केला। एक बुजुर्ग की पत्नी ने केला खरीदने की इच्छा जतायी। उनके साथ चल रहा पोता ने मना किया। बोला कि दोस्त मंडी से कौड़ी के भाव केला और अंगूर लाया है। वो भी लायेगा। दादी खुश।

इनके जज्बे का जवाब नहीं
जगजीवन नगर के वरीय बुनियादी विद्यालय के शिक्षक सियाराम राय। 15 अप्रैल को उन्हें आइएसएम आइआइटी के मुख्य द्वार के नजदीक बनाये गये चेकपोस्ट पर बतौर दंडाधिकारी उन्हें तैनात किया गया। गुजरने वाले हर वाहन चालक के कागजात की जांच और पूछताछ की जवाबदेही। पांच दिनों तक ड्यूटी के बाद उन्हें अहसास हुआ कि इस काम में उन्हें कोरोना का वायरस जकड़ सकता है और उनके जरिये राहगीरों को। ड्यूटी के प्रति समर्पण को देख उन्हें तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल ने किसी संगठन के जरिये दो जोड़ी पीपीइ किट उपलब्ध करवा दिया। 40 दिन गुजर चुके हैं। इस दौरान 42 डिग्री सेल्सियस तापमान में लोग पसीना बहा चुके हैं। भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में भी शरीर से कभी पीपीइ किट नहीं उतरा। एक डॉक्टर से नहीं रहा गया। पूछ बैठे कि इतनी तपन कैसे झेलते हैं। जवाब मिला कि खुद को बचाना है, लोगों को भी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.