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Weekly News Roundup Dhanbad : चेहरा तो दिखाइये सांसदजी, प्रतिनिधि को क्यों बना रहे ढाल

Weekly News Roundup Dhanbad चंद्रप्रकाश निर्वाचन क्षेत्र को समझना शुरू किए थे कि कोरोना के वायरस ने हमला बोल दिया। मगर जनता भी कितना सब्र करे। छह महीने गुजर चुके हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 09:34 AM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 09:34 AM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad : चेहरा तो दिखाइये सांसदजी, प्रतिनिधि को क्यों बना रहे ढाल
Weekly News Roundup Dhanbad : चेहरा तो दिखाइये सांसदजी, प्रतिनिधि को क्यों बना रहे ढाल

धनबाद [अश्विनी रघुवंशी ]। Weekly News Roundup Dhanbad गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी। आजसू पार्टी से लोकसभा में कदम रखने वाले पहले शख्सियत। बिंदास और बेफिक्र अंदाज में जनता के बीच रहने वाले राजनेता की उनकी पहचान है। गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में धनबाद जिले के दो विधानसभा क्षेत्र आते हैं, टुंडी और बाघमारा। थोक के भाव में चंद्रप्रकाश चौधरी को लोगों ने वोट दिया। यकीन था कि आधी रात को पुकारेंगे तो उनके सांसद भागे चले आएंगे। चंद्रप्रकाश निर्वाचन क्षेत्र को समझना शुरू किए थे कि कोरोना के वायरस ने हमला बोल दिया। मगर जनता भी कितना सब्र करे। छह महीने गुजर चुके हैं। लोग बोलने लगे हैं कि चेहरा तो दिखाइये सांसदजी। लोगों के मन की बात को सांसद भांप चुके हैं। सो, दनादन सारे इलाके में सांसद प्रतिनिधि बना दिया। चंद्रप्रकाश ने लोगों को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं, वे सर्वत्र नहीं जा सकते तो क्या हुआ, उनके प्रतिनिधि तो हैं। 

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थम गयी मथुरा की भागमभाग 

झामुमो विधायक दल के सचेतक मथुरा महतो की भागमभाग थम गयी है। इसकी वजह है कोरोना। दो माह पहले उन्हें कोरोना ने जकड़ लिया था। कोयलांचल के कोविड अस्पताल में आम मरीजों के साथ वार्ड में भर्ती रहे। चार दिनों तक स्वास्थ्य ठीक रहा तो उनके इलाज की तस्वीरें सोशल मीडिया पर रोजाना वायरल भी की जाती रहीं। अचानक मथुरा की हालत बिगड़ गयी। टीएमएच रेफर किए गए। वहां आइसीयू में भर्ती हुए। एक पखवाड़े तक इलाज चला तो मथुरा का तन कोरोना के वायरस से मुक्त हो गया। मन नहीं। डाक्टरों ने उन्हें घूमने से परहेज करने को कहा है। मथुरा बाबू रांची में स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। याद कीजिए, मार्च में लॉकडाउन शुरू हुआ था तो मथुरा जनता के बीच सबसे अधिक दिख रहे थे। बेफिक्र। मौत के मुंह से निकलने के बाद मथुरा महतो के दिलोदिमाग में कोरोना का खतरा है। 

खादी के कारण केस का झटका 

झारखंड और बंगाल की सीमा पर धुआं छोडऩे वाला मैथन पावर लिमिटेड। छोटा नाम एमपीएल। एमपीएल में बिजली उत्पादन होता है। सो, जब भी एमपीएल में कोई बखेड़ा होता है तो किसी न किसी तगड़ा झटका लगता है। ताजा झटका एमपीएल से जुड़े हाइवा मालिकों को झटका लगा है। 35 हाइवा मालिकों के खिलाफ प्रशासन ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। केस खाने वालों में कई हाइवा मालिक वो हैं जो किराया बढ़ाने के लिए चक्का जाम आंदोलन किए थे। उनके साथ ऐसे हाइवा मालिक भी कोर्ट में वकीलों के आगे पीछे घूमेंगे जो चक्काजाम का विरोध किए थे। जन धारणा है कि एमपीएल में कुछ भी होता है तो परदे के पीछे निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता, पूर्व विधायक अरुण चटर्जी और अशोक मंडल की भूमिका जरूर होती है। खादी वाले सुकून में है। उनके आगे पीछे घूमनेवाले हाइवा मालिक जरुर जेल जा चुके हैं। 

 

एक सड़क जिससे सियासत 

झारखंड के किसी शहर में अभी तक आठ लेन की सड़क नहीं है। गोल बिल्डिंग से कांको मठ सड़क ने राजनेताओं के साथ आम लोगों का तनाव बढ़ा रखा है। चंद्रशेखर अग्र्रवाल धनबाद नगर निगम के मेयर थे तो नाममात्र के ब्याज पर उन्होंने इस सड़क को आठ लेन की बनाने की परियोजना के लिए वल्र्ड बैंक से ऋण स्वीकृत कराया। निविदा हुई। काम भी शुरू। इस सड़क के किनारे लोगों ने जमीन खरीदी। जिनकी जमीन थी, उन्होंने भविष्य के लिए लंबी-चौड़ी योजना बनाई। हेमंत सरकार आई तो यह सड़क बनाने पर रोक लगा दी। सड़क का काम क्यों रोका गया? किसी को नहीं मालूम। आम लोगों को यह बात जरुर समझ आई कि आठ लेन सड़क बन जाती तो धनबाद नगर निगम के चुनाव में चंद्रशेखर अग्र्रवाल की बल्ले बल्ले होती। जाहिर है, भाजपा नेता की जय जयकार झामुमो सरकार सुनना को पसंद नहीं आता। 


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