यहां हाथियों के डर से दिन हो रही शादी की रस्म, बदल गए दिनचर्या के समय Dhanbad News
काजल महतो व उनकी पत्नी निशा महतो सोमवार की शाम मंडप से महुआ का डाल उखाड़ कर महतो बांध में विसर्जन करने गए थे। तभी हाथियों का झुंड तालाब के समीप आ गया।
निरसा, जेएनएन। जंगली हाथियों का झुंड निरसा प्रखंड के लाघाटा के धधकीटांड़ टोला से निकलकर मदनडीह पंचायत के झाराबारा मंदिर के समीप पहाड़ पर पहुंच जाने से ग्रामीणों में दहशत देखा जा रहा है। डर का आलम यह है कि लोग शादी का नेग शाम की बजाय सुबह में ही पूरा करने में भलाई समझ रहे हैैं। ऐसा ही ताजा मामला लाघाटा गांव में देखने के मिला।
रविवार को धधकीटांड़ टोला निवासी काजल महतो की शादी हुई। शादी के बाद गांव की मान्यता है कि महुआ के डाल को नव वर-वधु एक साथ मंडप से उखाड़ कर तालाब में विसर्जित करते हैं। वहां से स्नान कर घर आते हैं। इसके बाद बहू भोज की रश्म शुरू होती है। काजल महतो व उनकी पत्नी निशा महतो सोमवार की शाम मंडप से महुआ का डाल उखाड़ कर महतो बांध में विसर्जन करने गए थे। तभी हाथियों का झुंड तालाब के समीप आ गया। इसके डर से नव दंपती रश्म पूरा किए बगैर ही भागकर घर आ गए। दूसरे दिन यानि मंगलवार की सुबह दंपती ने तालाब में इस रश्म को पूरा किया। इतना ही नहीें, हाथियों का झुंड काजल महतो के खलिहान में रखे धान की फसल को चट कर गया। बाद में लोगों ने मशाल जलाकर हाथियों को वहां से भगाया गया।
हाथियों के डर से रतजगा कर रहे ग्रामीणः मदनडीह, रघुनाथपुर, मंझलाडीह, दुर्गापुर, लाघाटा आदि गांवों के ग्रामीण डर से रतजगा कर रहे हैं। वहीं हाथियों के झुंड को सुरक्षित निकालने को लेकर वन विभाग के 40 कर्मी लगे हैैं। टीम में चार वनरक्षी, 30 मशालची व छह वनकर्मी हैं। वेलोग हाथी की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों को भी सचेत कर रहे हैं। ग्रामीणों को रात में घर से नहीं निकलने हिदायत दी गई है। साथ ही घर के समीप मशाल या अलाव जलाकर रखने को कहा गया है, ताकि हाथियों के झुंड उनके घरों से दूर रहे।
रात में ही विचरण करते हैं हाथी : हाथियों के झुंड के साथ चल रहे वनरक्षी मोहम्मद शाहिद अली ने बताया कि हाथी ज्यादातर रात में विचरण करते हैं। दिन में वे लोग आराम करते हैं। सोमवार को स्थानीय ग्रामीणों द्वारा हाथियों के साथ छेड़छाड़ किए जाने से उत्तेजित हो गए थे। सोमवार रात में ग्रामीणों के सहयोग से उन्हें पहाड़ की दिशा की ओर भेज दिया है। मंगलवार रात हाथी यदि अपने कोरिडोर को पकड़कर टुंडी की ओर जाना चाहेंगे तो हम सहयोग करेंगे। मैथन डैम में बहुत ज्यादा पानी होने के कारण हाथियों का झुंड जामताड़ा की ओर रुख नहीं कर रहा है। झुंड में हाथी के दो छोटे बच्चे भी हैं। इसके कारण वे पानी में उतरने की जोखिम नहीं ले रहे। झुंड से बिछड़े हाथी भी टुंडी पहाड़ की ओर जाने से समय झुंड में शामिल हो जाएगा।
70 से 80 हजार की संपत्ति का पहुंचाया नुकसानः जंगली हाथियों के झुंड ने सोमवार शाम लाघाटा बस्ती कुल्ही निवासी आनंद महतो व हराधन महतो की चारदीवारी तोड़ दी और सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचाया। खेत में घुसकर धान की फसल को तहस नहस कर दिया। हराधन महतो के खलिहान में घुसकर लगभग तीन क्विंटल धान खा गए। साथ ही कई बांस को तहस-नहस कर दिया। लाघाटा के ही रामलाल महतो जीतू महतो की धान की फसल को बर्बाद किया। मिहिर महतो, मानिक महतो, गोविंद महतो, राकेश रवानी, गोवर्धन रवानी की सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचाया। वन विभाग ने 70 से 80 हजार की संपत्ति के नुकसान का अनुमान लगाया है। किसानों को नुकसान हुए फसलों का ब्योरा देने कहा गया है, ताकि मुआवजे का भुगतान किया जा सके।