डब्ल्यूबीपीडीसीएल कोल इंडिया से कोयला लेना करेगी बंद, अपने खदानों से जरूरतों को करेगी पूरा
पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) की थर्मल पावर इकाइयां 2023-24 में कोल इंडिया से कोयला लेना बंद करने की योजना बना रही है क्योंकि उनका लक्ष्य अब आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अपने खदानों से कोयला प्राप्त करने का है।
आशीष अंबष्ठ, धनबाद। पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) की थर्मल पावर इकाइयां 2023-24 में कोल इंडिया से कोयला लेना बंद कर सकती है। ऐसा इसलिए कि डब्ल्यूबीपीडीसीएल अपने कोल ब्लाक से कोयले उत्पादन कर आत्मनिर्भरता हासिल कर सकती हैं। इसका संकेत कोल इंडिया प्रबंधन को भी दिया है। डब्ल्यूबीपीडीसीएल कोल इंडिया से 60 लाख टन कोयला लेती है। बीसीसीएल से करीब 31 लाख टन व शेष ईसीएल से लेती है। करीब साढ़े सात सौ करोड़ के अधिक का कारोबार होता है, जिसमें बीसीसीएल से करीब चार सौ तो ईसीएल से साढ़े तीन सौ करोड़ है।
डब्ल्यूबीपीडीसीएल चला आत्मनिर्भर बनने की राह
बीसीसीएल जीएम सेल्स ने बताया कि इससे बीसीसीएल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अन्य पावर प्लांटों से कोयले की डिमांड है उनकी सप्लाई बढ़ा दी जाएगी। 2022-23 में डब्ल्यूबीपीडीसीएल इकाइयों की कुल कोयले की आवश्यकता लगभग 21 मिलियन टन होगी, जिसमें से लगभग 16 मिलियन डब्ल्यूबीपीडीसीएल राज्य की अपनी खदानों से प्राप्त करेगी। जबकि शेष पांच मिलियन कोल इंडिया से लेकर पूरा करेगी।
लेकिन डब्ल्यूबीपीडीसीएल 2023-24 में इस कमी को पूरा करने के लिए अपने कोल ब्लाक से कोयला उत्पादन करने की योजना तैयार की है। 2021-22 में लगभग 7 मिलियन टन कोल इंडिया से लिया था। फिलहाल डब्ल्यूबीपीडीसीएल कैप्टिव खदानों से दैनिक उत्पादन करीब चालीस हजार टन कर रही है।
डब्ल्यूबीपीडीसीएल ने दुमका से शुरू की कोयला ढुलाई
डब्ल्यूबीपीडीसीएल को दुमका में कोल ब्लाक दिया गया है। जहां से कोयला उत्पादन की गति देने को लेकर काम तेजी से किया जा रहा है। इसके लिए डब्ल्यूबीपीडीसीएल ने नए कोयला खदान से कोयला उत्पादन व डिस्पैच के लिए लिए दुमका रेलवे साइडिंग से लोडिंग शुरू कर दी है। प्लान के तहत लोडिंग स्थल का विस्तार वित्तीय वर्ष 2023-24 में किया जाएगा।
कोयला उत्पादन की दिशा में डब्ल्यूबीपीडीसीएल का काम शुरू
डब्ल्यूबीपीडीसीएल के निदेशक चंचल गोस्वामी ने कहा है, डब्ल्यूबीपीडीसीएल अपने कोल माइंस से जरूरत के अनुसार कोयला उत्पादन करने की दिशा में काम कर रही है। कोल इंडिया से कोयला लेना बंद करेगी। इस योजना के साथ काम किया जा रहा है। कोल इंडिया से करीब 60 लाख टन कोयला लेती है। दुमका से भी कोयला ढुलाई शुरू हो गया है, इसमें और गति दी जाएगी।
कोल इंडिया पर नहीं पड़ेगा कोई असर
कोल इंडिया के तकनीकि निदेशक डा. वी वीरा रेड्डी ने कहा, डब्ल्यूपीडीसीएल अपने माइंस से कोयला उत्पादन कर आवश्यकता को पूरा करने की बात कही है। कोल इंडिया से कोयला नहीं लेगी। इससे कोल इंडिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कोल इंडिया के कोयले की डिमांड काफी है।