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झरिया में चार दिन से पानी के लिए हाहाकार

जासं झरिया-जामाडोबा झमाडा के जामाडोबा जल संयंत्र स्थित दामोदर नदी में शैवाल व जलकुंभी के

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 11:35 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 11:35 PM (IST)
झरिया में चार दिन से पानी के लिए हाहाकार
झरिया में चार दिन से पानी के लिए हाहाकार

जासं, झरिया-जामाडोबा : झमाडा के जामाडोबा जल संयंत्र स्थित दामोदर नदी में शैवाल व जलकुंभी के आने से झरिया में गंभीर जल संकट उत्पन्न हो गया है। शुक्रवार को चौथे दिन भी झरिया शहर, इसके आसपास क्षेत्रों व पुटकी इलाके में जलापूर्ति बाधित रही। पांच लाख से अधिक लोगों में जल संकट से हाहाकार मचा है। झमाडा के अधिकारी गंभीर नहीं हैं। कुछ कर्मियों के ऊपर जलापूर्ति का जिम्मा छोड़ दिया गया है। कर्मी जुगाड़ तंत्र के सहारे कार्य कर रहे हैं।

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झमाडा के अधिकारियों की लापरवाही से लोगों में काफी आक्रोश है। झमाडा के कर्मियों का कहना है कि कई दिनों से नदी में शैवाल व जलकुंभी के अधिक आने से यह इंटेकवेल में फंस जा रहा है। ठंड में नदी में उतरकर लगातार सफाई नहीं हो पा रही है। इससे संयंत्र के 12 व नौ एमजीडी फिल्टर प्लांट में जल भंडारण का कार्य बाधित हो रहा है। शैवाल व जलकुंभी की सफाई कर जलापूर्ति की कोशिश की जा रही है। कर्मियों ने नौ व 12 एमजीडी से आंशिक रूप से झरिया शहर व इसके आसपास क्षेत्रों के अलावा पुटकी इलाके में आंशिक जलापूर्ति की है।

कर्मियों ने कहा कि मैन पावर की कमी के कारण नदी की सफाई ठीक से नहीं हो पा रही है। कई झमाडा के कर्मी भी छुट्टी में हैं। संयंत्र की देखरेख करनेवाला अनुभवी कर्मी समेंद्र यादव भी नहीं हैं। नदी में बांस की जाली लगाकर शैवाल व जलकुंभी को रोकने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि शैवाल व जलकुंभी इंटेकवेल के फुटबॉल में ना फंसे। जलापूर्ति के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है।

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जल संकट दूर करने के प्रति जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं

चार दिनों से झरिया कोयलांचल में जल संकट होने के बाद भी जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हैं। लोगों में रोष है। वामपंथी नेता सोष्टी दत्ता, झरिया चैंबर आफ क़मर्स के अध्यक्ष अमित कुमार साहू, खुदरा वस्त्र व्यवसायी संघ के उपेंद्र गुप्ता, झरिया कोलफील्ड बचाओ समिति के अध्यक्ष मुरारी प्रसाद शर्मा व सामाजिक कार्यकर्ता पिनाकी राय ने चार दिनों से झरिया में जल संकट पर गंभीर चिता जताई है। कहा कि आए दिन झरिया में जलापूर्ति की समस्या बनी रहती है। बावजूद इसके झमाडा के अधिकारी व जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं होते हैं। जल्द नियमित जलापूर्ति नहीं हुई तो आंदोलन को बाध्य होंगे।

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दामोदर नदी में अधिक शैवाल व जलकुंभी आने से जलापूर्ति में परेशानी हो रही है। कर्मी सफाई में लगे हैं। झरिया कोयलांचल में आंशिक जलापूर्ति की जा रही है। जल्द जलापूर्ति सामान्य हो जाएगी।

- पंकज झा, एसडीओ झमाडा।


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