Water Crisis Dhanbad: डेडीकेटेड पावर सप्लाई लाइन का माडा ने जेबीवीएनएल को भेजा प्रस्ताव, अमल होने पर होगी निर्बाध जलापूर्ति
Water Crisis Dhanbad बिजली कटने के बाद एक जल संयंत्र को दोबारा चालू करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है। इस बीच संयंत्र और पाइपलाइन का पानी बर्बाद हो जाता है।
धनबाद, जेएनएन। Water Crisis Dhanbad झमाडा (झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार) के जामाडोबा और पुटकी संयत्र को सीधे बिजली न मिलने के कारण हर दिन लाखों गैलन पानी बर्बाद होता है। इसका उपाय माडा ने ढूंढ लिया है। डीवीसी या फिर झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड से सीधे संयंत्र को बिजली आपूर्ति करने को लेकर पहल की गई है। माडा ने जेबीवीएनएल को पत्र लिखकर जामाडोबा और पुटकी जल संयत्र को बिजली देने के लिए एक डेडीकेटेड लाइन देने का प्रस्ताव दिया है। इस योजना पर लगभग 95 लाख खर्च आएगा। इसका जिक्र भी इस प्रस्ताव में किया गया है। डेडीकेटेड लाइन हो जाने से बिजली कटने की स्थिति में भी इन दोनों जन संयंत्रों से जलापूर्ति होती रहेगी। डेडीकेटेड लाइन से निर्बाध बिजली आपूर्ति दोनों जल संयंत्र में होगी।
दरअसल बिजली कटने के बाद एक जल संयंत्र को दोबारा चालू करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है। इस बीच संयंत्र और पाइपलाइन का पानी बर्बाद हो जाता है। निर्बाध जलापूर्ति होने से विभाग को राजस्व की प्राप्ति भी होगी और कई नए एरिया में पानी का कनेक्शन भी दे पाएंगे।
- फैक्ट फाइल
- जामाडोबा और पुटकी जल संयंत्र से झरिया से लेकर कतरास तक पहुंचता है पानी।
- 12 लाख की आबादी की बुझती है प्यास।
दोनों जल संयंत्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति और पानी की बर्बादी रोकने के लिए एक डेडीकेटेड लाइन की योजना बनाई गई है। जेबीवीएनएल को प्रस्ताव भी भेजा गया है। उम्मीद है कि सकारात्मक पहल होगी। इसका फायदा भी मिलेगा। राजस्व की बढ़ोतरी होगी और नए कनेक्शन देने में भी माडा सक्षम हो पाएगा।
- दिलीप कुमार, एमडी माडा