सुनो दुनिया वालों! मेरी मां पत्थर दिल नहीं होगी... कुछ तो रही होंगी मजबूरियां...
मिशनरीज ऑफ चैरिटी के दरवाजे पर छोड़ा उसके जेहन में मां का ममत्व जरूर होगा। थैले के अंदर बच्चे के साथ हॉर्लिक्स भी रखी गई थी। सोच यह कि बच्चे को भोजन-पानी मिलता रहे।
धनबाद, जेएनएन। मिशनरीज ऑफ चैरिटी धनबाद के मुख्यद्वार पर गुरुवार दोपहर एक बच्चा पाया गया।मुख्यद्वार से लगी दीवार के सहारे एक बैग टंगी थी। उसके अंदर बच्चा था। एक राहगीर को बच्चे की आवाज सुनाई दी तो उसने ठहर कर देखा। अंदर से आवाज आ रही थी। तुंरत बरवाअड्डा थाने को सूचना दी गई। पुलिस ने पहुंच देखा तो अंदर बच्चा था। उसे मिशनरीज के हवाले कर चाइल्ड लाइन को सूचना दी गई।
बच्चे को जिस किसी ने भी मिशनरीज ऑफ चैरिटी के दरवाजे पर छोड़ा उसके जेहन में मां का ममत्व जरूर होगा। थैले के अंदर बच्चे के साथ हॉर्लिक्स भी रखी गई थी। सोच यह कि बच्चे को भोजन-पानी मिलता रहे। जैसे ही लावारिस बच्चे के मिलने की सूचना फैली बड़ी संख्या में लोग मिशनरीज पहुंच गए। बच्चा सबकों कातिर निगाह से देख रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे वह बोल पड़ेगा। शायद वह बोलना चाह रहा हो कि-सुनो दुनिया वालों, पत्थर दिल नहीं होगी मेरी मां! वे तो चाहती होगी आंचल की छांव में दुनिया की नजरों से छिपा कर रखना। कुछ तो होंगी मजबूरियां।
थोड़ी देर देखभाल करने के बाद जब बच्चा स्वस्थ लगा तो उसे चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के पास प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे विशेष दत्तक गृह भेज दिया गया। बच्चे की उम्र लगभग 14 माह बताई जा रही है जो किसी संम्पन्न परिवार से प्रतीत हो रहा है। अब तक लड़की को फेंके जाने की घटनाएं होती थी। लड़के को फेंके जाने से लोग हतप्रभ हैं।