धनबाद पर गहराता जा रहा संकट, लगातार नीचे जा रहा जल स्तर, अब अगर कुआं-तालाब तोड़ा या भरा तो जाएंगे जेल
धनबाद में भूमिगत जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। तालाबों का अतिक्रमण और कुओं की भराई इसका एक प्रमुख कारण है। भूमिगत जल संरक्षण की भी लोगों को कोई फिक्र नहीं है। ऐसे में अब बिना अनुमति के ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाइ की जाएगी।
आशीष सिंह, धनबाद। धनबाद का जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है। कई इलाके तो ऐसे भी हैं जहां अब 150 फीट में भी पानी मिलना मुश्किल हो गया है। तालाबों का अतिक्रमण और कुओं की भराई इसका एक बड़ा कारण है। इन दोनों चीजों से जलस्तर ठीक रहता है, लेकिन यही अब तेजी से खत्म होते जा रहे हैं। इसके साथ ही तालाबों और कुओं को क्षतिग्रस्त करने के साथ अतिक्रमण करने वालों पर झारखंड नगरपालिका अधिनियम, 2011 व नगर विकास एवं आवास विभाग की 2020 की अधिसूचना के आलोक में नगर निगम अब कार्रवाई करेगा।
ऐसा करने से पहले नगर आयुक्त की लेनी होगी अनुमति
झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 की धारा 208 के आलोक में कुआं-तालाब को लेकर भी नगर निगम ने कड़ा निर्देश जारी किया है। नगरपालिका अधिनियम के तहत ही निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त की अनुमति के बिना नलकूप बिठाने, कुआं-तालाब, डीप बोरिंग, कुंड और फुहारा को खोदना व बनवाना भी दंडनीय अपराध है।
कुंआ-तालाब तोड़ा या भरा गया तो कठोर कार्रवाई होगी। जुर्माना के साथ प्राथमिकी दर्ज होगी। नगर निगम की अनुमति के बिना अब अपने घर या प्रतिष्ठान में फाउंटेन नहीं बना सकेंगे। जल संरक्षण को लेकर यह सारी कवायद की जा रही है।
सरकार दे रही है कुएं के संरक्षण पर जोर
नगर निगम की ओर से पिछले दिनों किए गए सर्वे के अनुसार शहरी क्षेत्र में कुल 108 कुएं और 34 तालाब हैं। इनमें से अधिकतर कुएं खत्म होते जा रहे हैं। इनके संरक्षण पर केंद्र सरकार भी जोर दे रही है। इसके साथ ही नगर निगम की ओर से कोई भी व्यक्ति या संस्था नगरपालिका या इसके नियंत्रणाधीन घरेलू या व्यावसायिक ट्रक, सेवानल, पाइपलाइन आपूर्ति नल से मोटर पंप लगाकर या किसी अन्य युक्ति से अवैध रूप से पानी निकालने, दिशा परिवर्तन करने पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए दंड का प्रावधान किया गया है। मोटर पंप व अन्य उपकरण को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
भूमिगत जलस्तर संरक्षित करना है मकसद
नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने कहा है, निगम की जांच में यह बात सामने आयी थी कि लोग मोटर पंप लगाकर पानी खींच ले रहे हैं। ऐसे लोगों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। अनुमति के बिना नलकूप बिठाने, कुआं-तालाब, डीप बोरिंग, कुंड और फुहारा को खोदना व बनवाना भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा गया है। सैम योजना में भी धनबाद का चयन हुआ है। योजना काे मुख्य उद्देश्य सरकारी कुआं और तालाबों का भूमिगत जलस्तर संरक्षित करना है। डीपीआर के लिए एजेंसी का चयन किया जा चुका है।
34 तालाब और 69 कुओं का होगा जीर्णोद्धार
इसी क्रम में शहर के सरकारी तालाबों और कुओं का जीर्णाेद्धार किया जाएगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने सरकारी कुओं और तालाबाें के जीर्णाेद्धार के लिए अमृत-2 के तहत एक नई याेजना की शुरुआत की है। इसे शैलो एक्वाफर मैनेजमेंट (सैम) का नाम दिया गया है। इस याेजना के तहत देश भर के 10 बड़े शहराें का चयन किया गया है।
पूरे राज्य से इस याेजना के लिए सिर्फ धनबाद का ही चयन किया गया है। देखभाल के अभाव में कुआं और तालाबाें का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। इस याेजना का उद्देश्य तालाब और कुओं का जीर्णाेद्धार व जलस्तर काे ठीक करना है। इस याेजना काे धरातल पर उतारने की जवाबदेही नगर निगम काे दी गई है।
सरकारी कुओं और तालाबों का हो चुका सर्वे
सैम के तहत निगम क्षेत्र के सरकारी कुओं और तालाबाें का सर्वे पूरा कर रिपोर्ट भेज दी गई है। शहरी क्षेत्र में कुल 108 कुएं और तालाब काे चिह्नित किया गया है। इनमें 34 तालाब और 69 कुओं का जीर्णोद्धार होगा। प्रथम चरण में निगम क्षेत्र के छह तालाब और कुओं का जीर्णाेद्धार किया जाएगा।
इनमें कतरास मुखिया होटल के समीप तालाब, भूली आमबगान बी ब्लाक व विनोद नगर का सरकारी कुआं, बेड़ा तालाब व कुआं, झरिया ऐना कोठी तालाब व कुआं और सिंदरी भुईकुआं का सरकारी कुआं शामिल है। योजना के तहत धनबाद, जयपुर, राजकोट, ग्वालियर, थाणे, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, बेंगलुरू, पुणे का चयन किया गया है।