आरपीएफ जवान की मौत पर साथियों ने रेलवे अस्पताल के आइसीयू में काटा बवाल
अभय नारायण सिंह के मौत की अचानक सूचना आई तो आरपीएफ के लोग भड़क गए। धीरे धीरे आरपीएफ के जवान रेलवे अस्पताल में इकट्ठा होते गए। आइसीयू में डाक्टर शिशिर शर्मा को घेर लिया।
धनबाद, जेएनएन। हजारीबाग रोड में पदस्थापित आरपीएफ के हेड कांस्टेबल अभय नारायण सिंह की बुधवार की रात रेलवे अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। इस पर आरपीएफ के तकरीबन 200 जवानों ने रेलवे अस्पताल को घेर लिया। आइसीयू प्रभारी डाक्टर शिशिर शर्मा पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आरपीएफ जवानों ने एक घंटा तक उपद्रव किया। आइसीयू की केबिन के शीशे झाड़ दिए गए, कुर्सियां पलट दी गई, टेबल को इधर उधर फेंक दिया गया। खूब गाली गलौज किया गया। न डाक्टरों को छोड़ा गया न नर्सों को। जवानों के तेवर इतने खतरनाक थे कि आइसीयू के केबिन नंबर तीन में इलाजरत मरीज नवीन कुमार भाग निकले। उन्हें तेज बुखार था। वे रेलवे गार्ड के नाते कतरास में कार्यरत हैं।
आरपीएफ के जवान अभय नारायण सिंह के मौत की अचानक सूचना आई तो आरपीएफ के लोग भड़क गए। धीरे धीरे आरपीएफ के जवान रेलवे अस्पताल में इकट्ठा होते गए। आइसीयू में डाक्टर शिशिर शर्मा को घेर लिया। एक घंटा तक उनके साथ गाली गलौज किया गया। वे आरपीएफ जवानों को समझाते रहे। आखिरकार डाक्टर ने भाग निकलने में भलाई समझी। और डाक्टर आए तो उनके साथ भी अभद्रता की गई। महिला डाक्टर पर पानी डाल दिया गया। कुर्सियां पटकने पर महिला सफाई कर्मचारी के पांव में जख्म हो गए। आइसीयू के ठीक बगल में महिला वार्ड है। महिला मरीज इतनी आतंकित हो गई कि सारी रात सो नहीं सकी। सब खौफ में जगी रही।
चार दिन बाद अशर्फी अस्पताल से किया गया रेफरः रेलवे जवान अभय नारायण सिंह को हृदय रोग था। हर्ट ब्लोकेज की शिकायत थी। उनका पहले भी रेलवे अस्पताल में इलाज हुआ था। तबियत बिगडऩे पर रेलवे अस्पताल से उन्हें 19 जनवरी को अशर्फी अस्पताल भेजा गया था। चार दिन तक अशर्फी अस्पताल में उनका इलाज चला। इसके बाद अशर्फी अस्पताल के डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। बुधवार की दोपहर 3.50 में उन्हें फिर रेलवे अस्पताल लाया गया। डाक्टर शिशिर शर्मा ने उन्हें आइसीयू में जाकर देखा। हृदय के ऑपरेशन के लिए दुर्गापुर अस्पताल जाने की सलाह दी। परिजनों के कहने पर चेन्नई के पेरंबूर अस्पताल में रेफर करने पर सहमति दी। वे चले गए तो डाक्टर अनामिका की देखरेख में आइसीयू में इलाज चलता रहा।
हृदय रोग लेकर नइमा आई तो आइसीयू में नहीं ले गए डाक्टरः अस्पताल में उपद्रव हो रहा था तो हृदय रोग के कारण नइमा आई। वे रेलवे कर्मचारी की विधवा है। उन्हें दूसरे वार्ड में ले जाकर तुरंत इलाज शुरू किया गया। वे भी आतंकित हो गई। रात ढाई बजे सामान्य हुई।
डीआरएम से फिर सुरक्षा गार्ड की मांग करेंगी डाक्टर एवं नर्सः रेलवे अस्पताल में एक भी सुरक्षा कर्मचारी नहीं है, न कोई गार्ड। कुछ दिन पहले डीआरएम ने रेलवे में कार्यरत महिला अफसर एवं कर्मचारियों से सीधी बातचीत की थी। तब रेलवे अस्पताल की महिला कर्मचारियों ने गार्ड की पदस्थापना की मांग की थी। गार्ड की तैनाती नहीं की गई। आरपीएफ जवानों के उपद्रव के बाद रेलवे अस्पताल की महिला कर्मचारी आतंकित हैं। वे फिर डीआरएम से मिल कर गार्ड की पदस्थापना का अनुरोध करेंगी।