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गांव के बेरोजगार व रैयतों ने माइनॉप के समक्ष जोरदार प्रदर्शन कर धरना शुरु किया

बरोरा रैयत व बेरोजगार ग्रामीणों ने सोमवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत महा गठबंधन के बैनर तले बरोरा क्षेत्र के मुराईडीह में संचालित आउटसोर्सिग कंपनी माईनॉप गेट के समक्ष प्रदर्शन कर धरना शुरु किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2020 10:15 PM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 10:15 PM (IST)
गांव के बेरोजगार व रैयतों ने माइनॉप के समक्ष जोरदार प्रदर्शन कर धरना शुरु किया
गांव के बेरोजगार व रैयतों ने माइनॉप के समक्ष जोरदार प्रदर्शन कर धरना शुरु किया

बरोरा : रैयत व बेरोजगार ग्रामीणों ने सोमवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत महा गठबंधन के बैनर तले बरोरा क्षेत्र के मुराईडीह में संचालित आउटसोर्सिग कंपनी माईनॉप गेट के समक्ष प्रदर्शन कर धरना शुरु किया। झंडा व बैनर के साथ नारेबाजी करते हुए मुराईडीह बस्ती से पड़ोसी कई गांव के सैकड़ों बेरोजगार महिला पुरुष व रैयत पैदल माइनॉप के गेट पर पहुंचे। जहां पहले से काफी संख्या में मौजूद पुलिस अधिकारी व जवानों ने प्रदर्शनकारियोंको मेनगेट व सड़क पर बैठने से रोक दिया। पुलिस के इस रवैये को देख प्रदर्शनकारी भड़क गए और प्रशासन विरोधी नारेबाजी करने लगे। दोनों ओर से नोकझोंक शुरु हो गई। दंडाधिकारी के रुप में मौजूद बीडीओ सुनील कुमार प्रजापति व ट्रैफिक डीएसपी राजेश कुमार ने प्रदर्शनकारियों को समझाया और माइनॉप के मेनगेट के बगल में बैठने की बात कही। उनकी बात प्रदर्शकारी मान गए और गेट के बगल में गाजा बाजा के साथ शांतिपूर्ण ढंग से धरने पर बैठ गए। कांग्रेस नेता जलेश्वर महतो ने कहा माइनॉप प्रबंधन को हर हाल में स्थानीय बेरोजगार व रैयतों को नियोजन देना होगा। झारखंड स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए बना है ना कि गुंडों के लूटने के लिए। किसी के कहने पर बाहरी लोगों को नियोजन दिया गया है। उसकी जगह पर स्थानीय लोगों को रखना होगा। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे झामुमो नेता अजमुल अंसारी व कांग्रेस नेता अमित महतो ने कहा कि ग्रामीणों के जमीन पर कंपनी खदान चला रही है। लेकिन स्थानीय की उपेक्षा कर किसी के कहने पर बाहरी लोगों को नियोजन दिया जा रहा है। संबोधित करने वालों में बलराम महतो, बलदेव वर्मा, रणधीर सिंह, विकास सिंह, निर्मल महतो, रमेश ठाकुर, मुन्ना नापित आदि शामिल थे। पुलिस प्रशासन की सुबह से है चाक चौबंद व्यवस्था :

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माइनॉप के समक्ष आंदोलन को लेकर विधि व्यवस्था के लिए प्रशासन ने सुबह से ही पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था की थी। कंपनी कैंपस की ओर जाने वाले चारों रास्ते पर पुलिस तैनात थी। पैदल आने जाने वाले लोगों की तलाशी ली जा रही थी। चारपहिया व दोपहिया वाहनों को आने जाने पर रोक लगा दी गई थी। कंपनी ने मेनगेट पर बंदूकधारी को तैनात किया था। जिला महिला व पुरुष पुलिस बल सहित आसपास के कई थाने की पुलिस सुबह आठ बजे से ही मौजूद थी। दंडाधिकारी के रुप में बीडीओ सुनील कुमार प्रजापति, ट्रैफिक डीएसपी राजेश कुमार, साइबर डीएसपी सुमित कुमार सहित बरोरा, बाघमारा, कतरास, तेतुलमारी, सोनारडीह थाने की पुलिस के अलावा जिला मुख्यालय से कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे। आंदोलन लंबा चलने पर पैदा हो सकती है टकराव की स्थिति : एक तरफ महागठबंधन के नेतृत्व में बेरोजगार ग्रामीण व रैयतों ने माइनॉप कंपनी गेट पर धरना शुरु किया है। वहीं 13 दिसंबर तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलने पर आंदोलनकारी कंपनी का काम बंद करने का ऐलान कर चुके हैं। दूसरी ओर माईनॉप के कर्मियों ने माईनॉप कर्मचारी संघ के नेतृत्व में बैठक कर आंदोलनकारी द्वारा काम बंद करने का प्रयास करने पर पुरजोर विरोध करने का निर्णय लिया। प्रशासन की एक चूक गंभीर परिणाम का रुप ले सकती है। देर शाम बरोरा थाना प्रभारी विनोद शर्मा ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं से बातचीत कर आंदोलन को स्थगित कराने का प्रयास किया। लेकिन बिना परिणाम के लोगों ने आंदोलन को स्थगित करने से इन्कार कर दिया। सत्ता पक्ष के नेता मंच पर पहुंचे और आंदोलनकारी के समर्थन में आ गए हैं। जबकि विपक्ष के नेता अभी भी किसी के समर्थन मे खुले तौर पर नहीं उतरे हैं।


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