कोरोना नियंत्रण के लिए जारी ‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी’ जैसे मानकों को लोग कर रहे नजरअंदाज
जरूरत है कि सरकार इस मामले में जल्द फैसला ले ताकि लोग सुरक्षित माहौल में त्योहार मना सकें। सावधानी ही सुरक्षा है इसे केंद्र में रखकर एहतियात के तौर पर आम जनता के लिए भी जरूरी है कि वह कोरोना नियंत्रण को लेकर जारी मानदंडों का अक्षरश अनुपालन करें।
धनबाद, जागरण संवाददाता। झारखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण में लगातार गिरावट आ रही है। यह राज्य की लगभग सवा तीन करोड़ की आबादी के लिए राहत देने वाली खबर जरूर है, परंतु कोरोना का संकट अभी पूरी तरह से टला नहीं है। खासकर कोरोना की नियंत्रित होती स्थिति और त्योहारी मौसम को देखते हुए सरकार ने संक्रमण के शुरुआती दौर में जिन-जिन सेक्टरों पर प्रतिबंध लगाए थे, उनमें से शैक्षणिक संस्थानों और सिनेमाघरों को छोड़कर लगभग अन्य सभी प्रतिबंध हटा लिए गए हैं।
हाल ही में अंतरराज्यीय परिवहन की भी अनुमति दे दी है। इसी महीने दीपावली, भाई-दूज और आस्था का महापर्व छठ जैसे कई बड़े त्योहार हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में बाहर के प्रदेशों से लोगों के झारखंड आने और यहां से बाहर जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। बाजार में भी अचानक खरीदारों की भीड़ बढ़ गई है। चिंता की बात यह कि त्योहारों के उत्साह में बड़ी संख्या में लोग कोरोना से बचने के स्थापित नियमों की अवहेलना करते दिख रहे हैं। केंद्र सरकार के स्तर से इस बाबत जारी ‘दो गज की दूरी, मास्क पहनना है जरूरी, हाथ-मुंह, आंख-कान को नहीं छूने तथा समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज करने जैसे मानकों को लोग नजरअंदाज कर रहे हैं। उनकी यह लापरवाही उनपर और उनके स्वजनों पर भारी पड़ सकती है, यह उन्हें नहीं भूलना चाहिए।
इधर, दीपावली के मौके पर पटाखे चलाने और महापर्व छठ को केंद्र में रखकर जहां कई राज्यों ने स्पष्ट दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं, वहीं झारखंड में अबतक इस पर मंथन ही चल रहा है। ऐसे में ब्यूरोक्रेट्स से लेकर आम जनता तक में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। जरूरत है कि सरकार इस मामले में जल्द फैसला ले, ताकि लोग सुरक्षित माहौल में त्योहार मना सकें। सावधानी ही सुरक्षा है, इसे केंद्र में रखकर एहतियात के तौर पर आम जनता के लिए भी जरूरी है कि वह कोरोना नियंत्रण को लेकर जारी मानदंडों का अक्षरश: अनुपालन करें।