Giridih Fire Accident: धान की रखवाली के लिए ढाको में सोए दादा-पोता की जलकर माैत, दो की हालत गंभीर
छोटू हेम्ब्रम अपने चार पोतों के साथ धान की सुरक्षा के लिए खलिहान में बने बिचाली की झोपड़ी जिसे स्थानीय भाषा में ढाको कहते हैं मेंं सोए हुए थे। ठंड से बचने के लिए ढाको के बाहर आग लगाकर ताप रहे थे। सोने गए तो आग बुझाना भूल गए।
गिरिडीह, जेएनएन। खलिहान में आग लगने से वहां सो रहे दादा-पोता की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस घटना में तीन किशोर भी बुरी तरह से जल गए। उनमें से दो की हालत गंभीर है। दोनों को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल धनबाद रेफर कर दिया गया है। यह हादसा पीरटांड़ प्रखंड के चिरकीडीह में सोमवार की रात करीब दस बजे हुआ है। इस हादसे में 60 वर्षीय छोटू हेम्ब्रम एवं उनके 13 वर्षीय पोता रमेश हेम्ब्रम की मौत हो गई। छोटू हेम्ब्रम के तीन और पोते 12 वर्षीय मनीष हेम्ब्रम, 16 वर्षीय राजेश हेम्ब्रम एवं 15 वर्षीय सिकर हेम्ब्रम भी बुरी तरह से झुलस गए। मनीष एवं राजेश की हालत गंभीर है। दोनों को बेहतर इलाज के लिए धनबाद ले जाया गया है।
छोटू हेम्ब्रम अपने चार पोतों के साथ धान की सुरक्षा के लिए खलिहान में बने बिचाली की झोपड़ी जिसे स्थानीय भाषा में ढाको कहते हैं, मेंं सोए हुए थे। ठंड से बचने के लिए ढाको के बाहर आग लगाकर ताप रहे थे। जब वे सोने गए तो आग बुझाना भूल गए। यही आग बाद में धीरे-धीरे ढाको तक पहुंच गई और अंदर सो रहे सभी लोग इसकी चपेट में आ गए। राजेश हेम्ब्रम, सिकर हेम्ब्रम किसी तरह ढाको से निकलने में सफल रहे। इधर आग की लपटें देख एवं राजेश एवं सीकर की चीख सुनकर गांव के लोग बचाने के लिए दौड़े। देखते ही देखते ढाको जलकर राख हो गया। वहां सो रहे छोटू हेम्ब्रम की मौत हो चुकी थी। रमेश हेम्ब्रम, मनीष हेम्ब्रम, राजेश हेम्ब्रम एवं सीकर हेम्ब्रम को तुरंत पीरटांड़ अस्पताल ले जाया गया। रास्ते में ही रमेश हेम्ब्रम ने दम तोड़ दिया।
इधर मनीष हेम्ब्रम एवं राजेश हेम्ब्रम की गंभीर हालत देख दोनों को धनबाद भेज दिया गया। झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू सूचना पाकर चिरकीडीह पहुंचे और पीड़ित परिवार को सांत्वना दी।