जोगता में चालक व मजदूर की संदिग्ध मौत
सिजुआ: जोगता थाना क्षेत्र के दो अलग-अलग जगहों पर शनिवार को दो युवकों की संदेहास्पद परिस्थिति
सिजुआ: जोगता थाना क्षेत्र के दो अलग-अलग जगहों पर शनिवार को दो युवकों की संदेहास्पद परिस्थिति में हुई मौत से इलाके में हड़कंप मच गया। 12 दिन के अंदर इलाके में यह संदिग्ध मौत का तीसरा मामला है। पुलिस में पंचनामा तैयार कर दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए धनबाद भेज दिया। पहली घटना:
जोगता 15 नंबर शिव मंदिर के पास ऋषिकेश चौहान उर्फ रिकी (25 वर्ष) का शव उसके घर पर मिला। वह निजी सुरक्षा एजेंसी में चालक के पद पर कार्यरत था। उसकी दो छोटी-छोटी बच्चियां हैं। पत्नी सोनी देवी के मुताबिक रिकी लोहे की पाइप से दुपट्टे के सहारे झूल रहा था।
शुक्रवार की रात खाना खाने के बाद सभी कमरे में सो गए। देर रात बिजली गुल होने के बाद सोनी बच्चों को लेकर आंगन में सोने चली गयी। सुबह पति ऋषिकेश को जगाने गयी तो दरवाजा बंद पाया। बार-बार आवाज देने के बाद भी दरवाजा नहीं खोलने पर बगल के कमरे में सो रहे भैसुर को जगाया। इसके बाद दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया तो वहां का दृश्य देखकर होश उड़ गये। ऋषिकेश फंदे से लटक रहा था। तत्काल उसे नीचे उतारा, लेकिन तबतक उसने दम तोड़ दिया था। उसने 16 अगस्त को ही सुरक्षा एजेंसी में काम पकड़ा था। वह एटीएम वैन में कैश ले जाने का काम किया करता था। मृतक के पिता रमेश चौहान माडा से सेवानिवृत होने के बाद बिहार के जहानाबाद जबकि ऋषिकेश अपने बड़े भाई व परिजन के साथ जोगता में रहता है। दूसरी घटना
मोदीडीह सात नंबर में दैनिक मजदूर मुंशी पासी (38 वर्ष) का शव उसके घर पर संदिग्ध हालत में पाया गया। वह वेस्ट मोदीडीह में लोकल सेल के तहत ट्रकों में कोयला लदाई का काम करता था। मोहल्ले वालों के अनुसार सुबह उसे टहलते हुए देखा गया है। मुंशी की मौत को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। उसकी पत्नी रजनी देवी के बयान में भी विरोधाभास है। कभी वह गमछे से लटककर जान देने तो कभी बीमारी की वजह से सीढ़ी से गिरकर मौत होने की बात कह रही है। हालांकि पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा।
मूलत: इलाहाबाद के रहने वाला मुंशी के तीन पुत्र व एक पुत्री है। दस वर्षीय बड़ा लड़का रोहित ने पढ़ाई छोड़ दी है जबकि प्रभात, रागिनी, शिवम क्रमश: तीसरी, दूसरी व पहली कक्षा के छात्र हैं।
पार्षद धर्मेंद्र महतो व नंददुलाल सेनगुप्ता, सुखदेव विद्रोही, मोहनलाल नोनियां, मुकेश गुप्ता आदि मृतकों के आवास पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया।