प्रदेश में बनी मजबूत सरकार, पर धनबाद में कमजोर रह गई झामुमो, मथुरा का दावा- पार्टी कार्यक्रमों में नेता नहीं होते उपस्थित Dhanbad News
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 16 जनवरी को धनबाद आ रहे हैं लेकिन झामुमो जिला इकाई की कम सक्रियता के कारण पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं में उत्साह नहीं दिख रही है।
धनबाद, जेएनएन। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 16 जनवरी को धनबाद आ रहे हैं। उनको आगमन को लेकर एक तरफ कार्यकर्ताओं में जोश हैं। वहीं दूसरी तरफ झामुमो जिला इकाई की कम सक्रियता के कारण पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं में मायूसी है। इसको लेकर झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि आने वाला दिनों में पार्टी को धनबाद में और अधिक मजबूती मिलेगी।
गौरतलब है कि झारखंड में झामुमो-कांग्रेस महागठबंधन की एक मजबूत सरकार बनी है और राज्य के मुख्यमंत्री झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन हैं। ऐसे में झामुमो कार्यकर्ताओं की उम्मीदें बढ़ गई हैं, लेकिन पार्टी की जिला इकाइ इन उम्मीदों को पूरा करने में कमजोर साबित हो रही है। ऐसे में वर्तमान झामुमो नेताओं पर पार्टी को एक सूत्र में बांधे रखने की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है।
मथुरा प्रसाद महतो का दावा है कि आने वाले दिनों में धनबाद जिले में पार्टी को और अधिक मजबूती मिलेगी। वे कहते हैं कि बस देखते जाइए। उन्होंने जिलाध्यक्ष रमेश टुडू की ओर इशारा करते हुए हल्के अंदाज में कहा कि पूरे झारखंड में सबसे अधिक झामुमो धनबाद जिला में मजबूत है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि समय अभाव के कारण पार्टी कार्यक्रमों में नेताओं की उपस्थित नहीं हो पाती है।
पार्टी की गतिविधियों में जिला पदाधिकारियों की सहभागिता कम : वहीं, झामुमो व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अमितेश सहाय ने दावा किया है कि इस बार नगर निगम और जिला परिषद के सभी सीटों पर पार्टी अपना उम्मीदवार देगी। महानगर कमेटी अध्यक्ष देबू महतो कहते हैं कि शहरी क्षेत्र में हर वर्ग के लोगों को जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। इधर, शहर से लेकर गांव तक जिला कमेटी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को बांधने में असफल हो रही है। इसका उदाहरण है कि क्षेत्र में होने वाले पार्टी की गतिविधियों में जिला पदाधिकारियों की सहभागिता नजर नहीं आती।
जिले की छ: सीटों में से सिर्फ टुंडी पर झामुमो का कब्जा : धनबाद जिले की छ: विधानसभा सीटों में से सिर्फ टुंडी सीट पर झामुमो ने जीत दर्ज की, जबकि निरसा व सिंदरी हार गई। धनबाद व बाघमारा में महागठबंधन को सहयोग का भी फायदा नहीं मिला। झरिया में कांग्रेस ने जीत दर्ज की। यानी बात झामुमो की हो तो छ: में से महज एक विधानसभा पर पार्टी का कब्जा है। इसके अलावा जिला परिषद में चार सदस्य झामुमो से संबंध रखते हैं। चुनाव समाप्त होने और नई सरकार के बनने के बाद से झामुमो के मजबूत होने की उम्मीद सभी को थी, लेकिन स्थितियों में अधिक परिवर्तन नहीं दिख रहा।