दो डॉक्टर और एक चालक की जान पर भारी पड़ी ट्रैफिक पुलिस की पचास रुपये वसूली
धनबाद थाने में पुलिस पदाधिकारियों से हादसे को लेकर जवाब मांगते मृतकों के परिजन
धनबाद, जेएनएन। डीआरएम चौक धनबाद के पास सड़क हादसे में पीएमसीएच के औषधि विभाग के हेड डॉ. श्याम सुंदर साह और उनकी पुत्री डॉ. अभिलाषा के साथ ही चालक साजिद अंसारी की मौत के लिए सीधे तौर पर ट्रैफिक पुलिस जिम्मेदार है। अगर ट्रैफिक पुलिस ने नो एंट्री की समय-सीमा के अंदर भारी वाहन हाइवा को शहर में प्रवेश करने से रोक दिया होता तो शायद तीन लोगों की जान नहीं जाती है।
नो एंट्री में कैसे प्रवेश किया हाइवा: शहर के डीआरएम चौक पर मंगलवार रात 10.25 बजे हाइवा और मारुति एसएक्स-4 कार के बीच आमने-सामने की टक्कर हुई। मौके पर ही कार में सवार डॉ. श्याम सुंदर साह और रिम्स रांची में कार्यरत उनकी पुत्री डॉ. अभिलाषा की मौत हो गई। चालक साजिद अंसारी भी नहीं बचा। हादसे में डॉ. साह की पत्नी और डॉ. अभिलाषा के पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे का समय नो एंट्री था। धनबाद शहर में रात 11 से सुबह 6 बजे तक नो एंट्री की समय-सीमा निर्धारित है। जाहिर है हाइवा नो एंट्री का उल्लंघन कर शहर में प्रवेश किया। अगर वह 11 बजे के बाद शहर में प्रवेश करता तो हादसा नहीं होता। पीएमसीएच धनबाद और रिम्स रांची जैसे सरकारी मेडिकल कॉलेज को दो कीमती डॉक्टर को खोना नहीं पड़ता। बुधवार को धनबाद थाने में मृतकों के परिजन ने मौत के लिए सीधे तौर पर ट्रैफिक पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। इस दौरान धनबाद थाने के अधिकारी चुप्पी साधे रहें।
50 रुपये में नो एंट्री की ऐसी-तैसी : धनबाद शहर के अंदर नो एंट्री की ऐसी-तैसी करते भारी वाहन दिख जाते हैं। शहर में प्रवेश करने वाली प्रमुख सड़कों पर स्थित चेक पोस्ट पर तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवान 50-50 रुपये लेकर नो एंट्री में एंट्री की अघोषित लाइसेंस देते हैं। वसूली की यह राशि ऊपर से लेकर नीचे तक बंटती है। इसीलिए जब-जब हादसे होते हैं जिम्मेदार पद पर बैठे लोग आंख मूंद लेते हैं। बियाडा के पूर्व चेयरमैन विजय कुमार झा कहते हैं, हादसे और दो डॉक्टरों समेत तीन की मौत के लिए पूरा सिस्टम जिम्मेवार है। नो एंट्री में गोल बिल्डिंग के पास से हाइवा प्रवेश करता है। सरायढेला और धनबाद थाना के सामने से गुजरता हुआ डीआरएम चौक पहुंचता है। बीच में एसएसपी, सिटी एसपी और ग्रामीण एसपी का दफ्तर पड़ता है। शहर के सबसे व्यस्त सड़क पर पांच किलोमीटर के फासले में जगह-जगह पुलिस पेट्रोलिंग गाड़ी खड़ी रहती है। नो एंट्री में चल रहा हाइवा किसी को नहीं दिखा? किसी को हाइवा न दिखना सबकों कठघरे में खड़ा करता है। उन्होंने कहा, इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
एसएसपी ने दिया ट्रैफिक डीएसपी को जांच का निर्देश : नो एंट्री में हाइवा शहर में कैसे प्रवेश किया? इसके लिए कौन-कौन से ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी और जवान जिम्मेवार हैं? हादसे के बाद एसएसपी मनोज रतन चोथे ने ट्रैफिक डीएसपी को जांच का जिम्मा दिया है। उन्होंने बताया, जिम्मेवार अधिकारी और सिपाही को चिह्नित कर डीएसपी से रिपोर्ट मांगी गई है। गुरुवार को रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।