Dhanbad Lok Sabha Election Rejult: झरिया में ही पलट गया ट्रैक्टर... कुछ निकले छुपे रुस्तम
भाजपा नेताओं द्वारा मनाने के बाद भी सिद्धार्थ नहीं माने। निर्दलीय चुनाव लड़ा। जनता ने आईना दिखा दिया है। चुनाव चिह्न ट्रैक्टर था। झरिया में ही ट्रैक्टर चलने के बजाय पलट गया।
धनबाद, जेएनएन। लोकसभा चुनाव- 2019 के दाैरान धनबाद क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी सिद्धार्थ गाैतम का बड़ा शोर था। आखिर हो भी क्यों नहीं, वह बहुचर्चित सूरजदेव सिंह के पुत्र जो ठहरे। इसके साथ ही उनकी मां कुंती सिंह झरिया विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुकी हैं। उनके चाचा बच्चा सिंह भी झरिया से विधायक रह चुके हैं। फिलहाल बड़े भाई संजीव सिंह झरिया से ही विधायक हैं। वह धनबाद कोयलांचल के सबसे मजबूत राजनीतिक घराना 'सिंह मैंशन' से जुड़े हैं। हालांकि, संजीव सिंह ने चुनाव में सिद्धार्थ गाैतम के बजाय अपनी पार्टी भाजपा के प्रत्याशी पीएन सिंह को समर्थन किया था।
भाजपा नेताओं द्वारा लाख मनाने के बाद भी सिद्धार्थ नहीं माने। निर्दलीय चुनाव लड़ा। जनता ने आईना दिखा दिया है। उनका चुनाव चिह्न ट्रैक्टर था। झरिया में ही ट्रैक्टर चलने के बजाय पलट गया। मात्र तीन हजार वोट ही मिले। दूसरी तरफ कई अनजान चेहरों ने सिद्धार्थ से ज्यादा वोट बटोर कर सबका ध्यान खींचा है। धनबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल 20 प्रत्याशी खड़े थे। भाजपा प्रत्याशी पीएन सिंह निर्वाचित हुए हैं। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कीर्ति झा आजाद दूसरे नंबर रहे।
मेघनाथ रवानीः धनबाद कोर्ट में अधिवक्ता सह बार एसोसिएशन के पूर्व सहायक कोषाध्यक्ष मेघनाथ रवानी को इस बार धनबाद लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में 4241 लोगों ने वोट किया। लोकसभा चुनाव में वे बसपा के टिकट पर खड़े थे और 20 प्रत्याशियों में आठवें स्थान पर रहे। बेकारबांध स्थित गुप्तेश्वर कांपलेक्स में रहने वाले 45 वर्षीय मेघनाथ रवानी मुख्य रूप से वकालत से जुड़े हुए हैं। वे वकीलों की समस्याओं के समाधान को लेकर हमेशा तत्पर रहते हैं। इन्हें धनबाद लोकसभा क्षेत्र के कुल वोट में 0.34 प्रतिशत मत मिले हैं। मेघनाथ ने इस चुनाव में समाजवादी पार्टी, अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया, फॉरवर्ड ब्लॉक समेत पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) के उम्मीदवार से भी अधिक वोट प्राप्त किया है। बता दें कि बार एसोसिएशन के पूर्व सहायक कोषाध्यक्ष मेघनाथ रवानी पूर्व में मेयर का चुनाव भी लड़ चुके हैं। अब इनका अगला लक्ष्य विधानसभा चुनाव है। वे कहते हैं कि चुनाव में प्यार व स्नेह जताने के लिए जनता का आभार है। 4241 लोगों का प्यार व स्नेह मिला है। अब अगला लक्ष्य विधानसभा चुनाव है। धनबाद विधानसभा से चुनाव में खड़े होंगे।
राजेश कुमार सिंहः बोकारो के युवाओं एवं व्यवसायियों में अच्छी पैठ रखनेवाले राजेश कुमार सिंह को लोकसभा चुनाव में धनबाद सीट पर तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। उन्हें 11110 मत मिले हैं। लोकसभा चुनाव में राजेश कुमार सिंह निर्दलीय खड़े थे। उन्हें 0.89 प्रतिशत मत मिले हैं। राजेश कुमार सिंह को तृणमूल कांग्रेस, बसपा, सपा सहित कई बड़े राजनीतिक पार्टियों से अधिक वोट मिले हैं। राजेश कुमार सिंह का कहना है कि सिंह मेंशन के प्रत्याशी सिद्धार्थ कुमार सिंह से अधिक मत मिलना हार में भी जीत है। जनता उन्हें विकल्प के तौर पर देख रही है। बोकारो विधानसभा चुनाव की तैयारी वो शुरू कर चुके हैं। चुनाव लडऩे से पूर्व राजेश कुमार सिंह झामुमो के सदस्य थे। बगावत कर उन्होंने चुनाव लडऩे का निर्णय लिया। इसके बाद जनकल्याण विकास मोर्चा नामक संगठन खड़ा किया, जिसमें युवाओं और व्यवसायियों को जोडऩे के साथ गरीबों के लिए काम करते हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र की समस्या बहुत है लेकिन स्थानीय प्रतिनिधि समस्याओं पर ध्यान नहीं देकर केवल लोगों को भ्रमित करने का काम करते हैं। इससे जनता को मुक्ति दिलाने का काम करेंगे।
लक्ष्मी सिंहः महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वरोजगार से जोडऩे वाली लक्ष्मी देवी ने लोकसभा चुनाव में धनबाद सीट पर 10876 वोट लाकर सबको अपनी ओर आकर्षित किया है। लक्ष्मी देवी निर्दलीय खड़ी थीं। भूली ब्लॉक सेक्टर टू की रहने वाली 49 वर्षीय लक्ष्मी देवी की इलाके में अलग पहचान है। पीडि़त व गरीब महिलाओं के लिए हमेशा तत्पर रही हैं। यही कारण है कि उन्हें लोकसभा चुनाव के कुल वोट में 0.89 प्रतिशत अंक मिले हैं। लक्ष्मी देवी को इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस, बसपा, सपा सहित कई बड़े राजनीतिक पार्टियों से अधिक वोट मिला है। लक्ष्मी देवी विगत चार वर्षों से भूली नारी शक्ति जन जन सुविधा केंद्र चलाती हैं। इसमें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, प्रताडि़त महिलाओं को न्याय के लिए मदद करना, गरीब महिलाओं को मदद करना शामिल है। महिलाओं के लिए 24 घंटे लक्ष्मी देवी खड़ी रहती हैं। यही कारण है कि लोग उन्हें काफी मानते भी हैं।
माधवी सिंहः धनबाद व झरिया कोयलांचल के लोगों की सेवा ही मेरा मुख्य उद्देश्य है। हमारे पूर्वज भी यही करते आये हैं, इसलिए मैं भी उन्हीं के पदचिह्नों पर चल रही हूं। ऐसा कहना है झरिया राजपरिवार की पुत्रवधू सह लोकसभा चुनाव 2019 में धनबाद संसदीय क्षेत्र से टीएमसी की प्रत्याशी रहीं माधवी सिंह का। वे कहती हैं कि कम समय में झरिया व धनबाद की जनता ने हमें अपार जनसमर्थन दिया, जो मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी। राजनीति के माध्यम से आगे भी जनसेवा करती रहूंगी। वे कहती हैं कि अगले विधानसभा चुनाव में भी झरिया की जनता के हितों की रक्षा के लिए तत्पर रहूंगी। माधवी सिंह का कहना है कि चुनाव में करोड़ों खर्च करने के बाद कई प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए। झरिया व धनबाद की जनता ने हमें जो समर्थन दिया है, उसके लिए उनकी शुक्रगुजार हूं। लोगों को यह बताना चाहती हूं कि हमेशा उनके साथ रहूंगी।
सिद्धार्थ गाैतमः लोकसभा चुनाव के बाद भी मेरी राजनीतिक सहभागिता आगे भी बनी रहेगी। पहले से और अधिक सक्रिय होकर झरिया व धनबाद में मजदूरों व आमलोगों की सेवा में लगा रहूंगा। यह कहना है धनबाद संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप चुनाव लडऩे वाले सिंह मैंशन के युवराज सिद्धार्थ गौतम का। उन्होंने कहा कि झरिया के पूर्व विधायक स्व सूर्यदेव सिंह व पूर्व विधायिका कुंती देवी के पुत्र तथा कोयलांचल के प्रमुख श्रमिक संगठन जनता मजदूर संघ का पदाधिकारी होने के नाते मेरी सेवा भावना जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव में जिसने भी हमें सहयोग किया, जिन्होंने हमें नहीं किया, सबके पास जाकर मिलेंगे और उनका आभार जतायेंगे। मेरे माता-पिता ने झरिया व धनबाद के लोगों की सेवा की है और आज मैं उन्हीं के पदचिह्नों पर चल रहा हूं। हम जनता के आदेश से चुनाव लड़े थे। जनता की समस्याओं के समाधान के लिए हमेशा लगे रहेंगे। सिद्धार्थ कहते हैं कि हम चुनावी प्रक्रिया से असहमत हैं, पर यह भी मानना पड़ेगा कि इस चुनाव में मोदी मैजिक चला है।
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