पश्चिम बंगाल से निर्वासित पारुली को झारखंड में मिली 'ममता'
बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले की गर्भवती आदिवासी महिला पारुली हेंब्रम को राज्य की ममता बनर्जी सरकार की ममता नहीं मिली।
निरसा/धनबाद, जागरण संवाददाता। पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले की गर्भवती आदिवासी महिला पारुली हेंब्रम को राज्य की ममता बनर्जी सरकार की ममता नहीं मिली। उसने ममता सरकार के अत्याचार से आजिज होकर झारखंड के धनबाद जिले के निरसा प्रखंड में शरण ले रखी है। पारुली ने यहां एक बच्ची को जन्म दिया है। जच्चा-बच्चा दोनों को यहां ममता की छांव मिल रही है। झारखंड की पूर्व मंत्री सह पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की प्रभारी अपर्णा सेनगुप्ता ने पारुली और उसकी नन्ही जान से मिलकर शुभकामनाएं दी है।
पश्चिम बंगाल में सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस के अत्याचार के कारण पंचायत चुनाव में निर्वाचित भाजपा प्रतिनिधि पारुली हेंब्रम निरसा में निर्वासित जिंदगी जी रही है। उत्तरी दिनाजपुर जिले के रायगंज प्रखंड के पंचायत प्रतिनिधि पारुली हेंब्रम गर्भवती थी। टीएमसी के कार्यकर्ताओं के प्रताड़ना से तंग आकर वह अपने परिजनों के साथ निरसा के अग्रसेन भवन में शरण लिए हुए है। मंगलवार की दोपहर उसे प्रसव पीड़ा हुई। उसने इसकी सूचना पूर्वमंत्री अपर्णा सेनगुप्ता को दिया। सूचना पाकर अपर्णा सेनगुप्ता पहुंची तथा पारुली को निरसा के निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया। बुधवार दोपहर उसने एक पुत्री को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। हमेशा याद रहेगा यह दिन: पूर्व मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता ने कहा कि आज का दिन पश्चिम बंगाल के पंचायत प्रतिनिधियों व निरसा के भाजपा के लोगों के लिए यादगार दिन रहेगा। पश्चिम बंगाल के पंचायत प्रतिनिधि जहां कहीं भी रहेंगे। इस बच्ची के कारण उन्हें हमेशा निरसा याद रहेगा।
पुत्री रत्न पाकर प्रसन्न है मां: पारुली काफी प्रसन्न है तथा उसका कहना है कि पूर्व से उसको एक पुत्र था। भगवान ने एक पुत्री मेरे यहां भेज दिया है। झारखंड के लोग हम लोगों की काफी मदद कर रहे हैं। इसके लिए यहां के लोगों के प्रति हम लोग हमेशा आभारी रहेंगे। पारुली को बधाई देने वालों में आसनसोल भाजपा के जिला उपाध्यक्ष आलोक सिंह, भोला चौधरी, वीरेंद्र प्रसाद, सुरेश भुइयां, नीलू लायक, देवनारायण गुप्ता, सुनील सिंह आदि भाजपाई शामिल हैं।