Weekend Lcokdown को धनबाद, बोकारो, गिरिडीह की जनता का मिला साथ, चोरी-छुपे दुकान खोलने वालों से निपटती दिखी पुलिस
शहर के स्टेशन रोड की बात करें तो यहां ठेला पर चाय और बिस्कुट की दुकानों का संचालन हो रहा था। ठेला को चारो तरफ से ढक कर यह कारोबार किया जा रहा था। हालांकि ट्रेनों से आने वाले यात्रियों को लिए ये दुकानें थोड़ी राहत जरुर दे रही थीं।
जागरण संवाददाता, धनबाद। झारखंड में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत वीकेंड लॉकडाउन चल रहा है। रविवार को पांचवां वीकेंड लॉकडाउन था। यह वीकेंड लॉकडाउन शनिवार रात 8 बजे शुरू हुआ। सोमवार सुबह 6 बजे तक चलेगा। रविवार को धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, जामताड़ा, देवघर, दुमका, गोड्डा, पाकुड़ , साहिबंगज में वीकेंड लॉकडाउन का अच्छा-खासा असर देखने को मिला। हाट-बाजार पूरी तरह बंद रहे। इस दाैरान चोरी-छुपे दुकानें खोलते हुए भी दुकानदार पकड़े गए। ऐसे दुकानों से पुलिस ने निपटने का काम किया।
धनबाद शहर में पसरा रहा सन्नाटा
वीकेंड लाकडाउन के दौरान रविवार को धनबाद शहर में सन्नाटा देखा गया। दुकानें बंद थी और वाहनों का परिचालन भी बंद रहा। आवश्यक सेवाओं को छोड़ अन्य प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद दिखे। शहर के मुख्य बाजार बैंक मोड़, पुराना बाजार, हीरापुर, पार्क मार्केट, पुलिस लाइन, स्टील गेट, बरटांड और बेकारबांध की बात करें तो यहां कोई भी प्रतिष्ठान खुला हुआ नहीं था। इन सभी जगहों पर केवल दूध के स्टॉल खुले हुए थे। राज्य सरकार ने वीकेंड लाकडाउन पर दूध के साथ रेस्तरां को होम डिलवरी करने की छूट दे रखी है। इसके अलावा मेडिकल से संबंधित सभी तरह के प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप, गैस एजंसी भी काम कर रही हैं। इन सब के अलावा अन्य कोई भी दुकान शहर में खुली हुई नहीं दिखी।
स्टेशन रोड़ में चल रही चाय-बिस्कुट की दुकानें
शहर के स्टेशन रोड की बात करें तो यहां ठेला पर चाय और बिस्कुट की दुकानों का संचालन हो रहा था। ठेला को चारो तरफ से ढक कर यह कारोबार किया जा रहा था। हालांकि ट्रेनों से आने वाले यात्रियों को लिए ये दुकानें थोड़ी राहत जरुर दे रही थीं। वहीं स्टेशन में काफी कम संख्या में ऑटो भी दिखे। जो ट्रेने से आने वाले लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम कर रहे थे।
गिरिडीह में गांव से शहर तक दिखा असर
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लगी 38 घंटे की वीकेंड लाकडाउन का शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक असर रहा। सड़कें एक तरफ सुनसान पड़ी लोगों की सतर्कता व एहतियात के प्रति जागरूक होने का सबूत दे रही थीं, वहीं हाट-बाजार में भी पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा। जिस सड़क या चौराहे पर आम दिनों में पांव रखने की जगह नहीं मिलती थी और जाम के कारण लोगों को रेंगना पड़ता था उन सभी स्थानों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। कोरोना की चेन तोड़ने को लेकर सरकार की ओर से लगाए गए 38 घंटे के वीकेंड लाकडाउन पूरी तरह से असरदार रहा। इसका पालन करने में हर आम व खास ने महत्ती भूमिका अदा की। रविवार सुबह से लेकर शाम तक शहर के अति व्यस्त रहने वाले चौक-चौराहे सुनसान रहे। कुछ लोगों की आवाजाही चिकित्सीय सुविधा व मेडिकल दुकानों से दवा खरीदने समेत आवश्यक कार्यों से हो रही थी जिस पर पुलिस की टीम जगह-जगह पैनी नजर रख रही थी। बाजार में सिर्फ जीवनरक्षक दवा की दुकानों के ही शटर उठे रहे। इधर हर चौक-चौराहे व मुख्य पथों पर पुलिस के पदाधिकारी जवानों के साथ गश्ती व जांच को लेकर तैनात थे। इस क्रम में पुलिस की टीम जगह-जगह लोगों को रोककर पूछताछ करते हुए बेवजह सड़क पर नहीं भटकने की हिदायत देती रही। नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी सदलबल शहर के हर पथ पर खुद गश्ती करने में जुटे थे। वहीं पचंबा थाना क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर थानेदार नीतीश कुमार सड़कों पर आवागमन करने वालों से पूछताछ व जांच में जुटे रहे। जगह-जगह जिला बल के साथ आइआरबी के जवानों की तैनाती की गई थी, जो आने-जाने वालों पर नजर रख रहे थे। रविवार को शहर में लगने वाले हुट्टी बाजार के साप्ताहिक हाट सुनसान पड़ा हुआ था। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी वीकेंड लाकडाउन का खासा असर रहा और हाट बाजार बंद रहे।