हाथियों से मिले जख्म पर तितली ने लगाया मरहम
हथिया नक्षत्र में खेतों को एक बूंद पानी नहीं मिला। खेतों में दरारे आ गई, धान की फसल सूखने लगी थी, लेकिन इसी बीच पाकिस्तानी तितली ने मौसम ही बदल दिया। खेतों की नमी फिर से लौट आयी।
जागरण संवाददाता, धनबाद : हथिया नक्षत्र में खेतों को एक बूंद पानी नहीं मिला। खेतों में दरारे आ गई थीं। धान की फसल सूखने लगी थी। उपर से जंगली हाथियों के झुंड ने किसानों के जख्म पर नमक छिड़कने का काम किया, लेकिन इसी बीच पाकिस्तानी तितली ने मौसम ही बदल दिया। परिणाम, खेतों की नमी फिर से वापस लौट आयी। किसान खुश हैं।
बीते दिनों धान की फसल और खेतों की स्थिति को देख किसान के साथ-साथ जिला कृषि विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र सभी चिंतित हो गए थे। सिंचाई के हर संभव प्रयास किया जा रहा था। सरकार ने विभाग से धान फसल की स्थिति पर रिपोर्ट मांग ली, लेकिन इसी बीच तितली नामक चक्रवात तूफान के झारखंड में प्रवेश करने के कारण हो रही बारिश ने सभी के चेहरे पर मुस्कान ला दिया। बीते दो दिनों में जिले के हर क्षेत्र में बारिश हुई है। खेतों में फिर से पानी जमा होने लगा है।
बारिश धान के साथ रबी फसलों के लिए भी फायदेमंद: इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आदर्श श्रीवास्तव ने बताया कि यह बारिश धान समेत खरीफ की अन्य फसलों के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा जिन लोगों ने धान की बुआई पहले कर ली थी, उनके लिए रबी फसल की बुआई में भी यह बारिश मददगार साबित होगी। विशेष कर गेहूं, चना, सरसों आदि के लिए।
किसान पटवन कर बचा रहे थे धान: मालूम हो कि कड़कड़ाती धूप व सूखे से मर रहे धान की फसल को बचाने के लिए किसान जलस्रोतों में मशीन लगाकर रात दिन पटवन कर रहे थे। अब बारिश होने से उनका प्रयास सार्थक साबित हुआ।