इंटर की पढ़ाई हुई महंगी, एसएसएलएनटी ने फॉर्म की कीमत बढ़ाई तो सिंदरी व आरएसपी ने मासिक शुल्क Dhanbad News
लड़कियों के लिए शहर के इकलौते सरकारी शिक्षण संस्थान एसएसएलएऩटी महिला कॉलेज में इस वर्ष इंटर में एडमिशन के लिए आवेदन फॉर्म की कीमत 100 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये की है।
धनबाद, जेएनएन। शहर के तीन सरकारी कॉलेजों ने इंटर में नामांकन के लिए शुल्क में वृद्धि कर दी है। किसी कॉलेज ने मासिक शुल्क में इजाफा कर दिया तो किसी ने एडमिशन फॉर्म की कीमत 100 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये कर दी। फीस बढ़ाने वाले सरकारी कॉलेजों का तर्क है कि शुल्क वृद्धि के बाद भी फीस संबद्ध कॉलेजों से कम ही है। संबद्ध कॉलेजों में मासिक ट््यूशन फीस 110 से 150 रुपये प्रति माह तक है।
एसएसएलएनटी में फॉर्म की कीमत बढ़ी
लड़कियों के लिए शहर के इकलौते सरकारी शिक्षण संस्थान एसएसएलएऩटी महिला कॉलेज में इस वर्ष इंटर में एडमिशन के लिए आवेदन फॉर्म की कीमत 100 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये की है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि इंटर की पढ़ाई के लिए अलग से कोई फंड नहीं आता है। खर्च बढ़ गए हैं। इसलिए फॉर्म की कीमत बढ़ाने का निर्णय लिया है।
आरएसपी व सिंदरी कॉलेज ने बढ़ाया मासिक शुल्क
आरएसपी कॉलेज में इंटर के मासिक शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। पहले मासिक शुल्क के रूप में आट््र्स और कॉमर्स के छात्रों से 14 रुपये लिए जाते थे। यह अब 50 रुपये कर दिया गया है। विज्ञान का शुल्क 20 रुपये से बढ़ाकर 55 रुपये किया गया है। कॉलेज प्रशासन के मुताबिक कॉलेज में इंटर की पढ़ाई जारी रखने के लिए शुल्क बढ़ाना जरूरी था। अगल से कोई वित्तीय मदद नहीं मिलती है। ङ्क्षसदरी कॉलेज में इंटर के तीनों संकाय का मासिक शुल्क 10 रुपये बढ़ाया गया है। प्रबंधन का कहना है कि इंटर के शिक्षकों को मानदेय भुगतान के लिए शुल्क में संशोधन किया गया है।
विभावि ने लगाई रोक, बढ़ेगी छात्रों की संख्या
विनोबा भावे विश्वविद्यालय ने सरकारी कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई पर रोक लगा दी है। इस वजह से उधर के काफी छात्र बीबीएमकेयू के कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई के लिए एडमिशन करा रहे हैं। इससे यहां के कॉलेजों पर दबाव बढ़ गया है।
आरएस मोर कॉलेज ने अंकपत्र वितरण को मांगा मार्गदर्शन
आरएस मोर कॉलेज गोङ्क्षवदपुर के प्राचार्य डॉ. प्रवीण सिंह ने इंटर के अंकपत्र वितरण को लेकर जिला प्रशासन से दिशा निर्देश मांगा है। कॉलेज को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है, यहां एक महीने एक भी मरीज नहीं हैं। क्वारंटाइन सेंटर बनाए जाने से कॉलेज का काम प्रभावित है। अंकपत्र वितरण भी नहीं हो रहा। अगर इसके लिए छात्रों को बुलाया गया तो भीड़ हो जाएगी। प्राचार्य ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देश पर आगे की प्रक्रिया होगी।