Positive India: इंसानियत की मिसाल बनी राम-रहीम की जोड़ी, निरंतर गरीबों का भर रही पेट
सोहराब पाबंदी से रोजा रखते हैं नमाज अदा करते हैं। इंसानियत की सेवा में जी-जान से डटे रहते हैं। उनका साथ पूरी शिद्दत से अजय देते हैं। दोनों का काम गंगा-जामुनी तहजीब की नजीर है।
धनबाद [ आशीष सिंह ]। भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रहा है। संकट की घड़ी में हर कोई एक-दूसरे की सामथ्र्य के मुताबिक मदद कर रहा है। सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल धनबाद के दो युवकों ने भी इसमें अपनी भूमिका तय की है। पुराना बाजार के सोहराब खान पाक माह रमजान में रोजा रखे हैं। इसके बीच ही अपने प्रिय मित्र अजय नारायण लाल के साथ लॉकडाउन में हर दिन तकरीबन 500 जरूरतमंदों को भोजन परोस रहे हैं। भाईचारे और इंसानियत की शानदार मिसाल पेश कर रहे हैं। अजय और सोहराब की जोड़ी कोयलांचल में राम-रहीम के नाम से लोकप्रिय है।
सोहराब पाबंदी से रोजा रखते है, नमाज अदा करते हैं। इंसानियत की सेवा में जी-जान से डटे रहते हैं। उनका साथ पूरी शिद्दत से अजय देते हैं। दोनों का काम गंगा-जामुनी तहजीब की नजीर है। सोहराब कहते हैं कि मुझे गर्व है, अपने जोड़ीदार बड़े भाई के समान मित्र अजय नारायण लाल पर, जिसके साथ वह अपने हिस्से की इंसानियत निभा पा रहे हैं। दोनों ने अपने इस अभियान को 'एक कोशिश अपने हिस्से की इंसानियत निभाने की' नाम दिया है। भोजन परोसने का काम कमलोदय भवन, गांधी रोड, पुराना बाजार, पुराना स्टेशन, धोबिया तालाब, रिफ्यूजी मार्केट, हल्दी पट्टी, चांदमारी, धनसार इलाके में हो रहा है। यहां गरीबों को दोनों भोजन कराते हैं।
हर धर्म का करते सम्मान
राम-रहीम की यह जोड़ी पिछले 46 दिन से रोजाना बिना रुके जरूरतमंदों को भोजन परोस रही है। इनकी थाली हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई नहीं देखती, बस जरूरतमंदों की भूख देखती है। यही कारण है कि जब भी भोजन परोसना शुरू होता है तो शहर के कई गणमान्य लोग भी पुण्य के भागीदार बनने पहुंच जाते हैं। पुलिस वाले भी भोजन परोसते देखे जा सकते हैं। राम-रहीम इन 46 दिनों में 23 हजार जरूरतमंदों को भोजन खिला चुके हैं। सोहराब खान पुराना बाजार चैंबर के पूर्व अध्यक्ष और अजय नारायण लाल फेडरेशन ऑफ धनबाद जिला चैंबर के महासचिव सह पुराना बाजार चैंबर अध्यक्ष हैं। दोनों इस अभियान में आ रहा खर्च खुद वहन करते हैं।
सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है, आज इस मुश्किल वक्त में जरूरतमंदों की सेवा कर ये दोनों दोस्त इंसानियत की मिसाल बने हैं। इंसान ही इंसान के काम आता है। हर धर्म इंसानियत की ही सीख देता है। इस जोड़ी पर हम सभी को नाज है।
-चंद्रशेखर अग्रवाल, मेयर, धनबाद
इज्जत घर से लेकर कोरोना से जंग तक फाइटर बनी मुखिया
गिरिडीह [ दिलीप सिन्हा ]। झारखंड का गिरिडीह जिला। यहां एक पंचायत है कपिलो। ग्रामीण विकास की शानदार नजीर। इसका श्रेय जाता है मुखिया इंदु देवी को। पंचायत में विकास और जागरूकता की अलख जगा रही इंदु की कोशिशों का फल है कि कपिलो की पहचान आज राष्ट्रीय स्तर पर है। पंचायत में सफाई ऐसी कि क्या कहने। हर घर में यहां शौचालय मिलेगा। जागरूकता ऐसी कि कोई खुले में शौच कभी नहीं जाता। इज्जत घर (शौचालय) बनवाने से लेकर कोरोना के खिलाफ जंग में भी इंदु का अहम रोल है। पंचायत की खूबियां भारत सरकार तक पहुंची। नतीजा दो बार केंद्र सरकार ने कपिलो पंचायत को राष्ट्रीय पुरस्कार देकर सम्मान दिया। 24 अपै्रल को पीएम नरेंद्र मोदी ने इंदु को ऑनलाइन नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्रामसभा अवार्ड देकर सम्मान दिया।
कोरोना संक्रमण के दौर में इंदु दिन भर पंचायत में जाकर ग्रामीणों को सुरक्षित शारीरिक दूरी और हाथ धोने का महत्व बता रही हैं। खुद घर में दो हजार तीन स्तर के मास्क सिल डाले। उनका वितरण कर रही हैं। ताकि पंचायत का कोई ग्रामीण कोरोना की चपेट में न आए। गत वर्ष 23 अक्टूबर को दिल्ली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण राष्ट्रीय पुरस्कार भी कपिलो को मिल चुका है। पंचायत के श्याम लाल यादव व अर्जुन प्रसाद कहते हैं कि कपिलो के विकास में इंदु की भूमिका ऐसी है कि उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते।
शौचालय हो या आंगनबाड़ी, साज सज्जा देखते बनती
इंदु ने बताया कि पंचायत की आबादी करीब छह हजार है। ऐसा कोई घर नहीं जहां शौचालय नहीं है। इनका शतप्रतिशत उपयोग हो रहा है। सफाई के प्रति ग्रामीणों को प्रेरित करते हैं। शौचालयों की साज सज्जा की गई है। ताकि उनको देख कभी विरक्ति न हो। लोग बाहर शौच को न जाएं। आंगनबाड़ी एवं पंचायत भवन की साज सज्जा की गई है। सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया गया है। कपिलो में सौर ऊर्जा से संचालित जलमीनार है। जो गांव वालों के लिए पानी का इंतजाम करती है। अभिभावकों को बच्चों की पढ़ाई का महत्व बताया। आज यहां के बच्चे भी जागरूक हैं। इसी कारण स्कूलों में बच्चों की 95 फीसद से अधिक उपस्थिति रहती है। पंचायत की योजनाओं का निर्णय पंचायत कार्यकारिणी करती है।
पंचायत के हर ग्रामीण तक पहुंचाएंगे मास्क
लॉकडाउन के कारण जहां अधिकांश जनप्रतिनिधि होम क्वारंटाइन में हैं वहीं इंदु सुबह से ही निकल पड़ती हैं। खुद सिलाई कर मास्क बनाती हैं। गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को देती हैं। कहती है हर ग्रामीण तक मास्क पहुंचाएंगे।