नए लक्ष्य की ओर बढ़ने को प्रेरित करेगी यह डिग्री
जागरण संवाददाता धनबाद बीते दो सालों से कोरोना संक्रमण के कारण बीबीएमकेयू का पहला दीक्षांत समारोह टलता रहा है। अब जाकर गुरुवार को यह संपन्न हुआ। मुख्य समारोह में डिग्री देने के लिए कुल 51 गोल्ड मेडलिस्ट को आमंत्रित किया गया था। इनमें से 47 उपस्थित हुए और अपनी डिग्रियां प्राप्त की। खुशी और उत्साह के मौके पर इन छात्र-छात्राओं ने सीधे तौर पर कहा कि यह सम्मान उन्हें अपने नए लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
जागरण संवाददाता, धनबाद : बीते दो सालों से कोरोना संक्रमण के कारण बीबीएमकेयू का पहला दीक्षांत समारोह टलता रहा है। अब जाकर गुरुवार को यह संपन्न हुआ। मुख्य समारोह में डिग्री देने के लिए कुल 51 गोल्ड मेडलिस्ट को आमंत्रित किया गया था। इनमें से 47 उपस्थित हुए और अपनी डिग्रियां प्राप्त की। खुशी और उत्साह के मौके पर इन छात्र-छात्राओं ने सीधे तौर पर कहा कि यह सम्मान उन्हें अपने नए लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। आगे चलकर वे अपने भविष्य के साथ ज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में देश को मदद करेंगे।
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गार्ड की पुत्री व्यावसायिक पाठ्यक्रम में अव्वल
व्यावसायिक पाठ़यक्रम में बेस्ट ग्रेजुएट का सम्मान पाने वाली विभा माडा से गार्ड के पद से सेवानिवृत्त हुए बबन ओझा की पुत्री हैं। वर्तमान में वह टीसीएस भुवनेश्वर में नौकरी कर रही हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा प्राण जीवन एकाडमी से हुई और जीएन कालेज से स्नातक पास की हैं। उनकी इच्छा है कि वे अपने काम से कंपनी को इतना अधिक प्रभावित करें कि आगे बेहतर पद मिले। उन्होंने कहा कि सफलता का एक मंत्र मेहनत ही है।
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एसएससी की तैयारी में जुटे
जनरल कोर्स के माध्यम से गणित में सर्वोत्तम स्नातक की उपाधि बोकारो स्टील सिटी के छात्र मुरली मनोहर साहु को मिली है। मुरली ने बताया कि स्नातक करने के बाद से वे एसएससी की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे लगातार अपने कालेज में गणित में टाप करते रहे। हालांकि बेस्ट होने की उम्मीद नहीं थी। यह उपाधि उनकी कल्पना से भी परे है। आगे जो लक्ष्य है, उसे वे प्राप्त करके रहेंगे। मेहनत तो करनी ही है।
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केंद्रीय शिक्षा में जाने की योजना बीएड में टाप हुई रिया कुमारी ने बताया कि उन्होंने अपनी सीटेट की पढ़ाई भी पूरी कर ली है। परीक्षा भी दे दी है। अब उनकी इच्छा केंद्रीय शिक्षा में जाने की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना समाज के उत्थान की बात नहीं की जा सकती। यह जरूरी है कि इसके लिए मेहनत किया जाए और सभी शिक्षा से जुड़े। उनका मानना है कि बेटियां काफी कुछ कर सकती हैं।
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एएलबी में टाप, अब एलएलएम पूरा करना लक्ष्य
ला कालेज धनबाद की एलएलबी टापार छाया लालवाणी 2016-19 की छात्रा रही हैं। वर्तमान में वे रांची विश्वविद्यालय से एलएलएम की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मेहनत और हौसले से उन्होंने अपना लक्ष्य प्राप्त किया है। यही जज्बा उनका एलएलएम के लिए भी है। ला करने के बाद वह भी न्यायालय में अपनी प्रैक्टिस करना चाहती हैं। इसके लिए उनके परिवार का भरपूर सहयोग है।
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इस बेटी को साफ्टवेयर इंजीनियर है बनना
रेलवे अस्पताल कालोनी की रहने वाली साक्षी बीसीए में टाप हुई हैं। उनकी इच्छा है कि वे साफ्टवेयर इंजीनियर बनें। इसके लिए वे मेहनत भी कर रही हैं। साक्षी का मानना है कि अपने लक्ष्य को निर्धारित किए बिना कोई काम नहीं किया जा सकता। जब उन्होंने बीसीए के लिए आवेदन किया तो तभी से उन्होंने अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया था।