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IRCTC: जानें- रेलवे आपकी संपत्ति है... इस संदेश का 'शरीफ यात्री' क्या निकाल रहे हैं अर्थ

सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवाल पर रेलवे ने बताया है कि दो वर्षों में 10 हजार से ज्यादा चादर तकिया के कवर और कंबल कम मिले हैं। तकरीबन 22 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 09:42 AM (IST)Updated: Tue, 10 Mar 2020 09:51 AM (IST)
IRCTC: जानें- रेलवे आपकी संपत्ति है... इस संदेश का 'शरीफ यात्री' क्या निकाल रहे हैं अर्थ
IRCTC: जानें- रेलवे आपकी संपत्ति है... इस संदेश का 'शरीफ यात्री' क्या निकाल रहे हैं अर्थ

धनबाद [ तापस बनर्जी ]। आमतौर पर ट्रेनों के एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को शरीफ  और सभ्य माना जाता है। धारणा यही है कि महंगे टिकट लेकर सफर करने वाला यात्री ट्रेन के एसी कोच से चंद रुपये की वस्तुएं क्यों ले जाएगा, बावजूद हाल में आए आंकड़ों ने सभी को चौंका दिया। इनसे पता लगा कि कुछ लोगों ने रेलवे आपकी संपत्ति है वाले संदेश को ज्यादा गंभीरता से लिया और सफर के दौरान मिलने वाले बेड रोल को अपनी संपत्ति समझ साथ लेकर उतर गए। 

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सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवाल पर रेलवे ने बताया है कि दो वर्षों में 10 हजार से ज्यादा चादर, तकिया के कवर और कंबल कम मिले हैं। तकरीबन 22 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। चौंकाने वाली बात है कि यह आंकड़ा पूरे रेल मंडल का नहीं  सिर्फ धनबाद रेलवे स्टेशन से खुलने वाली ट्रेनों का है। 

  • वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 में कम पाए गए बेड रोल
  • बेडशीट  - 7082
  • कंबल    - 702
  • तकिया कवर - 3067 
  • धनबाद से खुलने वाली इन ट्रेनों में बेड रोल की सुविधा 
  • 13351 व 13352 धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस 
  • 13329 व 13330 धनबाद पटना गंगा-दामोदर एक्सप्रेस 
  • 13307 व 13308 धनबाद फिरोजपुर गंगा-सतलज एक्सप्रेस 
  • 13331 व 13332 धनबाद पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस 
  • प्रतिदिन बेड रोल की खपत 
  • बेडशीट - 5480
  • हैंड टॉवल - 2740
  • तकिया कवर - 2740
  • तकिया - 1202
  • कंबल - 1202
  • बाथ टॉवल - 60

ठेकेदार के बिल से काटी गई नुकसान की रकम 

आउटसोर्सिंग कंपनी ही एसी कोच के यात्रियों को बेड रोल मुहैया कराती है। इसके कर्मचारी प्रत्येक यात्री को बेड रोल देते हैं और इस्तेमाल के बाद वापस लेकर धुलाई के लिए भेजते हैं। चादर, तकिया कंबल समेत सभी चीजें गिनकर दी जाती हैं और वापसी में फिर से गिना जाता है। यही वजह है कि चोरी हुए बेड रोल के नुकसान की भरपाई भी कांट्रैक्टर ही करते हैं। उनके बिल से यह राशि काट ली जाती है। 

चोरी की रोकथाम को रेलवे करती है काउंसिलिंग 

आरटीआइ के सवाल पर रेलवे ने यह भी बताया है कि एसी कोच में बेड रोल चोरी की रोकथाम के लिए कर्मचारियों की काउंसलिंग की  व्यवस्था है। समय समय पर इंचार्ज उन्हें इसकी रोकथाम के उपाय सुझाते हैं। हालांकि इसके बाद भी शरीफ मेहमानों से बेड रोल का पूरी तरह बचाना मुमकिन नहीं हो पाता। सबसे ज्यादा टारगेट चादर, कंबल और तकिया के कवर पर ही रहता है, इसे आसानी से बैग में डालकर यात्री उतर जाते हैं। 


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