आशीष ने बचपन बचाने को चौदह माह में नाप दी 11000 किमी की दूरी
आशीष एक मोबाइल एप डवलप कर रहे हैं। जिसके माध्यम से पांच किलोमीटर के दायरे में किसी भी बाल भिखारी की जानकारी अपलोड की जाएगी।
धनबाद, जेएनएन। सड़क पर भीख मागने वाले बच्चों पर तरस खाकर आप भी उसे कुछ न कुछ जरूर दे देते होंगे। लेकिन, आपके द्वारा दिए वाले पैसे उसके अंदर एक कुप्रवृत्ति को बढ़ावा देती है और वो बच्चा पढ़ाई जैसे जीवन के मूल उद्देश्य से भटक जाता है। इसी सोच के साथ भीख मागने वाले बच्चों के बचपन को बचाने के उद्देश्य से 'वन गो वन इंपैक्ट' कैम्पेन के माध्यम से 17000 किलोमीटर की यात्रा पर निकले दिल्ली के आशीष शर्मा अपने यात्रा के अगले पड़ाव में गुरुवार को धनबाद पहुंचे। उनका यहां रणधीर वर्मा चौक पर लोगों ने जोरदार स्वागत किया।
11000 किलोमीटर पैदल चल चुके हैं आशीष : आशीष अब तक 11000 किलोमीटर की पदयात्रा के साथ 25 राज्यों की दूरी तय कर चुके हैं। उनकी यात्रा करीब 14 महीने पहले दिल्ली से शुरू हुई थी जो सभी पूर्ववर्ती राज्य होते हुए बंगाल से झारखंड पहुंची है। इसके अगले पड़ाव में वो बोकारो के लिए प्रस्थान करेंगे। पदयात्रा का मकसद पूरे भारतवर्ष को भिखारियों से मुक्त करना है। जिसमें खासकर बच्चे सम्मिलत होते हैं जो आगे चलकर बहुत से गुनाहों को अंजाम देते हैं। पदयात्रा का उद्देश्य जागरूकता लाना: पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर आशीष ने अपने कार्यक्रम से युवाओं को जुड़ने की अपील की है। उनसे आग्रह किया है कि वो सड़क पर भीख माग रहे बच्चों को भीख ना दें बल्कि थोड़ा मेहनत करके उनका दाखिला पास की किसी ऐसे स्कूल में करवा दें जहा उन्हें निशुल्क भोजन के साथ शिक्षा भी मयस्सर हो सके। उनके इस नेक कार्य से देश में भिखारियों की संख्या धीरे-धीरे स्वत: समाप्त हो जाएगी। वह कहते हैं कि पदयात्रा का उद्देश्य आम लोगों में जागरूकता लाना है। दुआएं फाउंडेशन के तहत आशीष ने 17 हजार किमी की पदयात्रा को उन्मुक्त भारत का नाम दिया है। इस अभियान के तहत देश के 29 राज्यों व सात केंद्र प्रशासित राज्यों के 49 हजार गांवों में लोगों को बाल भिक्षावृत्ति रोकने को जागरुक किया जाएगा।
मोबाइल एप में अपलोड होगी बाल भिखारी की जानकारी : आशीष एक मोबाइल एप डवलप कर रहे हैं। जिसके माध्यम से पांच किलोमीटर के दायरे में किसी भी बाल भिखारी की जानकारी अपलोड की जाएगी। इसका उद्देश्य यह है कि पुलिस और आसपास के अनाथाश्रम उस बच्चे की मदद कर सकें।