श्यामपुर बस्ती से थापरनगर रेलवे स्टेशन जाने वाला रास्ता धंसा, ईसीएल ने मिट्टी भरवाकर बहाल कराया आवागमन
निरसा से नयाडांगा होते हुए थापरनगर रेलवे स्टेशन जाने वाले मुख्य रास्ते में श्यामपुर बस्ती के समीप लगभग 100 फीट से ज्यादा वर्गाकार जमीन में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी है। वहीं मंगलवार को मुख्य मार्ग पर लगभग तीन फीट तक जमीन धंस गई।
जागरण संवाददाता, मैथन/निरसा: निरसा से नयाडांगा होते हुए थापरनगर रेलवे स्टेशन जाने वाले मुख्य रास्ते में श्यामपुर बस्ती के समीप लगभग 100 फीट से ज्यादा वर्गाकार जमीन में मोटी-मोटी दरारें पड़ चुकी है। वहीं मंगलवार को मुख्य मार्ग पर लगभग तीन फीट तक जमीन धंस गई।
घटनास्थल से थापरनगर रेलवे स्टेशन से एमपीएल के लिए कोयला ढुलाई करने वाले रेलवे ट्रैक की दूरी मात्र 25 से 30 फीट है। घटना की जानकारी मिलते ही श्यामपुर बस्ती के लोगों ने झाड़ी लगाकर रास्ते को बंद कर दिया तथा इसकी सूचना श्यामपुर ए कोलियरी प्रबंधन को दी। जानकारी मिलने पर कोलियरी प्रबंधन द्वारा जेसीबी मशीन लगाकर उक्त रास्ते में पड़ी दरार एवं धंसे हुए रास्ते में मिट्टी डालकर उसकी भराई कराई गई। फिलहाल दोबारा आवागमन बहाल कर दिया गया है।
लोगों में आक्रोश, कहा- यहां होता रहता है भू-धंसान
ईसीएल प्रबंधन द्वारा मिट्टी भरवाकर रास्ता चालू करा दिए जाने के बावजूद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि यहां अक्सर भूं-धसान होता रहता है। हादसे के बाद ईसीएल प्रबंधन आनन-फानन में भू-धंसान प्रभावित स्थल की भराई कराकर मामले को समाप्त कर देता है, लेकिन इसका स्थायी समाधान नहीं होने की वजह से भूं-धसान का खतरा हमेशा बना रहता है।
श्यामपुर बस्ती के ग्रामीणों का कहना है कि कोलियरी के निजीकरण के समय यहां निजी कोल कंपनी द्वारा कोयले का उत्खनन किया गया था। कोलियरी के सरकारीकरण होने के बाद तक भूमिगत खदानें संचालित हुआ करती थीं। हालांकि उसके बाद कोलियरी को बंद कर दिया गया। अब यहां कोयला चोरों द्वारा अवैध उत्खनन किए जाने के कारण जमीन खोखली हो गई है। इसके कारण आए दिन भू-धंसान की घटनाएं होती रहती हैं।
27 अगस्त 2020 को एमपीएल के लिए बने रेलवे ट्रैक के समीप हुआ था भू-धंसान
मालूम हो कि इससे पहले 27 अगस्त 2020 को थापरनगर रेलवे स्टेशन से एमपीएल कोयला ढुलाई के लिए बने रेलवे ट्रैक के समीप भू-धंसान हुआ था। हादसे में एमपीएल तक जाने वाला रेलवे ट्रैक भी क्षतिग्रस्त हुआ था। उस वक्त रेलवे, डीजीएमएस एवं ईसीएल के वरीय पदाधिकारियों ने आकर स्थल का निरीक्षण किया था। बाद में एमपीएल की छाई से भू-धंसान क्षेत्र की भराई करवाई गई थी।