पहाड़ी बस्ती के लोगों ने जर्जर आवास तोड़ने का किया विरोध, पुलिस से हुई नोकझोंक
धनसार विश्वकर्मा परियोजना के विस्तारीकरण में बाधक बन रहे पहाड़ी बस्ती के करीब आधा दर्जन जर्जर आवासों को प्रबंधन ने मंगलवार को भारी विरोध के बीच डोजरिग कर ध्वस्त कर दिया। प्रबंधन की कार्यशैली से बस्ती के लोग काफी आक्रोशित थे।
धनसार : विश्वकर्मा परियोजना के विस्तारीकरण में बाधक बन रहे पहाड़ी बस्ती के करीब आधा दर्जन जर्जर आवासों को प्रबंधन ने मंगलवार को भारी विरोध के बीच डोजरिग कर ध्वस्त कर दिया। प्रबंधन की कार्यशैली से बस्ती के लोग काफी आक्रोशित थे। दोनों पक्षों में काफी देर तक नोकझोंक भी हुई। दिन में धनसार प्रबंधन, यूनियन प्रतिनिधि कर्मियों के साथ मशीन लेकर पहाड़ी बस्ती पहुंचे। स्थानीय लोग पोकलेन मशीन व डोजर को देखकर आक्रोशित हो गए। स्थानीय लोगों का कहना था कि बीसीसीएल प्रबंधन बस्ती के सभी लोगों को एक साथ सुविधा देकर सुरक्षित स्थान में बसाने का काम करें। लोगों के आक्रोश को देख प्रबंधन ने मामले की सूचना झरिया थाना पुलिस को दी। पुलिस महिला बल के साथ पहाड़ी बस्ती पहुंची। पुलिस ने पहले तो दोनों पक्षों के बीच मान मनौव्वल कर जर्जर आवासों को ध्वस्त करना चाहा। लेकिन स्थानीय महिलाओं ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कई महिलाएं विरोध करते हुए डोजर के पास बैठ गई। दोनों तरफ से माहौल गरम हो गया। पुलिस व सीआइएसफ जवानों ने स्थिति को संभाला। स्थानीय लोग विरोध करते रहे। लेकिन पुलिस के आगे उनकी एक न चली। पांच खाली आवास, एक जर्जर शिव मंदिर व एक क्षतिग्रस्त विद्यालय के रूम को डोजर से तोड़ दिया गया। धनसार कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी शैलेंद्र सिन्हा का कहना है कि अवैध रूप से यहां रह रहे लोगों को बीसीसीएल प्रबंधन सुरक्षित जगह पर बसा रहा है। कुछ लोगों को आसपास के सुरक्षित कंपनी आवास में तत्काल भेजा गया है। करीब 18 परिवारों के लिए बेलगढि़या में आवास आवंटित किया गया है। अन्य लोगों के लिए आवास आवंटित कराने के लिए जेआरडीए के प्रभारी को सूची दी गई है। अगर तत्काल जो लोग सुरक्षित स्थान पर जाना चाहते हैं, उन्हें प्रबंधन ईस्ट बसुरिया स्थित कंपनी का आवास मुहैया करा रहे हैं।