केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ मुखर हुए ट्रेड यूनियन, सीसीएल कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन कर सौंपा मांगपत्र
केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन मुखर हो रहे हैं। बुधवार को संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के प्रतिनिधियों ने बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल के ढोरी एवं बीएंडके महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। इसमें इंटक बीएमएस एटक सीटू व एचएमएस सहित कई श्रमिक संगठन शामिल थे।
बेरमो, जेएनएन। केंद्र सरकार व कोल इंडिया प्रबंधन की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन मुखर हो रहे हैं। बुधवार को संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा के प्रतिनिधियों ने बेरमो कोयलांचल अंतर्गत सीसीएल के ढोरी एवं बीएंडके महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। साथ ही आठ अक्टूबर को आहूत विरोध दिवस को सफल बनाने का संकल्प लिया। संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा में शामिल इंटक, बीएमएस, एटक, सीटू व एचएमएस सहित क्षेत्रीय श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कोल इंडिया चेयरमैन के नाम 12 सूत्री मांगपत्र सीसीएल ढोरी के सहायक प्रबंधक मो. तौकीर आलम और बीएंडके प्रक्षेत्र के एसओपी प्रतूल कुमार को सौंपा।
बीएमएस के संयुक्त महामंत्री रवींद्र कुमार मिश्रा के कहा कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों एचएमएस, इंटक, बीएमएस, एटक व सीटू के नेतृत्व में कोल इंडिया के मजदूरों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए आठ अक्टूबर को विरोध दिवस मनाया जाएगा, जिसे सफल बनाने को मजदूरों ने कमर कस ली है। उन्होंने कहा कि कॉमर्शियल माइनिंग की आड़ में कोल इंडिया के निजीकरण की साजिश की जा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा कि कोयला उद्योग के निजीकरण व कॉमर्शियल माइनिंग को सरकार अविलंब वापस ले, अन्यथा आंदोलन को तेज किया जाएगा।
एटक के जवाहरलाल यादव ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान जब श्रमिकों के हित में फैसले लिए जाने चाहिए, तब श्रम कानूनों को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है। जवाहरलाल ने कहा कि मंदी की बात कहकर कॉरपोरेट जगत को फायदा पहुंचाना गरीबों की रोटी-रोजी से खिलवाड़ करना है। कोल सेक्टर में कॉमर्शियल माइनिंग कराकर सरकारी एकाधिकार को समाप्त करने की केंद्र सरकार को अपनी घोषणा वापस लेनी होगी। अगर सरकार नहीं मानेगी तो सभी यूनियनों की ओर से संयुक्त रूप से बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।
एचएमएस नेता गजेंद्र प्रसाद सिंह ने 12 सूत्री मांगाें का उल्लेख करते हुए कहा कि कोयला उद्योग में कॉमर्शियल माइनिंग कराने के लिए कोल ब्लॉक की प्रस्तावित नीलामी रद की जाए। कोल इंडिया के विनिवेश पर तत्काल रोक लगाई जाए। सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने या सीएमपीडीआई को विभाजित करने के प्रस्ताव पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। कोयला खदानों को बंद करने के एकतरफा निर्णय पर रोक लगाई जाए और बंद की गई खदानों को चालू किया जाए।
गजेंद्र ने आगे कहा कि कोल इंडिया और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी में ठेका मजदूरों के लिए कोल इंडिया की हाई पावर कमेटी की ओर से निर्धारित मजदूरी लागू करना सुनिश्चित किया जाए। कोयला मजदूरों को दुर्गा पूजा के पहले बोनस का फैसला किया जाए आदि मांग शामिल हैं। मौके पर शिवनंदन चौहान, गणेश मल्लाह, सुरेंद्र सिंह, संत सिंह, आर उनेश, नरेश महतो, धीरज पांडेय, कुलदीप कुमार, मुरारी सिंह, गोवर्धन रविदास, अविनाश सिंह, संतोष ओझा, कुंजबिहारी सिंह, चंद्रशेखर महतो, रामावतार सिंह, खेदुलाल, सत्यनारायण महतो आदि मौजूद थे।