आखिर कैसे आया धनबाद-पटना इंटरसिटी में शव? दैनिक जागरण की टीम ने की पड़ताल, नतीजे चौंकानेवाले
धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस में बक्से में मिले शव की घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है। दैनिक जागरण की टीम ने मंगलवार की देर रात धनबाद स्टेशन की सुरक्षा बंदोबस्त की पड़ताल की और नजारा चौंकानेवाला था।

जागरण संवाददाता, धनबाद। 24 घंटे गुलजार रहने वाले धनबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 6 से खुली धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस में बक्से में मिले शव ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में ला खड़ा कर दिया है। दिल दहलाने वाली घटना को लेकर दैनिक जागरण की टीम ने मंगलवार की देर रात धनबाद स्टेशन की सुरक्षा बंदोबस्त की पड़ताल की।
प्लेटफॉर्म से रेलवे सुरक्षा कर्मी दिखे नदारत
रात के 11 से 12 बजे तक प्लेटफार्म एक से आठ तक नजरें दौड़ाने पर सिर्फ प्लेटफार्म दो-तीन पर एक साथ चार रेल पुलिस कर्मी मिले। रात 11:20 पर गंगा-दामोदर एक्सप्रेस के खुलते ही उनकी ड्यूटी भी प्लेटफार्म से खत्म हो गई। बाद में उनमें से दो स्टेशन के प्रवेश द्वार के पास दिखे। वीआइपी प्लेटफार्म एक पर भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। चार-पांच पर भी आरपीएफ-जीआरपी नहीं दिखे। यही हाल दक्षिणी छोर के प्लेटफार्म आठ का था।
प्लेटफार्म 6-7 एक सिपाही करता दिखा निगरानी
रात के लगभग 11:30 बजे प्लेटफार्म-सात पर सूरत-मालदा टाउन एक्सप्रेस पहुंची। खचाखच भर कर आई ट्रेन से करीब 400 यात्री उतरे। पूरे प्लेटफार्म पर न तो आरपीएफ दिखी और न ही जीआरपी। बारी-बारी से यात्री बाहर निकल गये। प्लेटफार्म खाली होने के बाद हाथ में डंडा लिए एक जवान दिखा। दूसरा जवान ओवरब्रिज पर खड़े होकर निगरानी करते नजर आया। किसी ने ट्रेन की ओर झांकना भी जरूरी नहीं समझा।
लगेज स्कैनर बंद, स्कैनिंग कराना यात्रियों की मर्जी
स्टेशन के दक्षिणी छोर का लगेज स्कैनर बंद पड़ा मिला। उत्तरी छोर का लगेज स्कैनर चालू था। आरपीएफ ड्यूटी पर थी, लेकिन सामान स्कैनिंग कराने की जोर-जबरदस्ती नहीं थी। इक्का-दुक्का यात्री ही अपनी मर्जी से सामान स्कैनर पर रख रहे थे।
न आरपीएफ और न टिकट चेकिंग स्टाफ
धनबाद स्टेशन से खुलने और गुजरने वाली लंबी दूरी की ज्यादातर महत्वपूर्ण ट्रेनें रात में हैं। यात्रियों की आवाजाही के लिए मुख्य प्रवेश द्वार के साथ गेट नंबर दो भी रात में खुला रहता है। पर न तो बाहर आने वालों की टिकट जांच के लिए टिकट चेकिंग स्टाफ हैं और न ही सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने को आरपीएफ।
आरपीएफ अधिकारी बोले, कितने सीसीटीवी लगे हैं नहीं मालूम
रेलवे स्टेशन की निगेहबानी के लिए सीसीटीवी भी लगे हैं। पर आरपीएफ अधिकारी को इसकी भी जानकारी नहीं कि कितने लगे हैं। देर रात आन ड्यूटी आरपीएफ अधिकारी से जब पूछा गया कि स्टेशन पर कितने सीसीटीवी लगे हैं, तो बोले, इ तो नहीं मालूम, साहब लोग ही बताएंगे।

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