जन्मदिन पर छूट गया पति का साथ, कटना था केक, निकली अर्थी
सोमवार को मौसमी का 46वां जन्मदिन था। उनके जन्मदिन पर ही पति प्रवीर मजूमदार की अर्थी सज रही थी। मौसमी को यह कहां मालूम था कि उनके जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले पति का साथ छूट जाएगा।
धनबाद, जेएनएन। गोविंदपुर में जंगलपुर के समीप जीटी रोड पर रविवार रात हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल बंगाली समुदाय के लोकप्रिय समाजसेवी सह यूको बैंककर्मी सतीनाथ घोष उर्फ रॉना दा ने सोमवार की सुबह दम तोड़ दिया। वहींं कार में सवार प्रवीर मजूमदार की मौत घटनास्थल पर ही हो गई थी। सतीनाथ घोष की पत्नी सरवाणी घोष दुर्गापुर मिशन अस्पताल में मौत से लड़ रही हैं। वहीं मजूमदार की पत्नी मौसमी मजूमदार खतरे से बाहर है।
सोमवार को मौसमी का 46 वां जन्मदिन था। पत्नी की जन्मदिन पर पति की अर्थी सज रही थी। कोलकाता से इलाज करा कर लौट रहीं मौसमी मजूमदार को यह कहां मालूम था कि उनके जन्मदिन से ठीक एक दिन पहले पति का साथ छूट जाएगा।
एक साथ जली दोनों दोस्तों की चिता: रॉना दा और प्रवीर मजूमदार बचपन के दोस्त थे। वर्षों तक दोनों साथ-साथ रहे। स्व. मजूमदार जहां बंगाली वेलफेयर सोसाइटी के कार्यसमिति सदस्य थे, वहीं स्व. सतीनाथ घोष दुर्गा मंदिर चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़े थे। तेलीपाड़ा श्मशान घाट में दोनों का अंतिम संस्कार हुआ, जहां स्थानीय विधायक राज सिन्हा, पार्षद प्रियरंजन सहित बंग समुदाय, एलआइसी और बैंक के कर्मचारी काफी संख्या में उपस्थित थे। तेलीपाड़ा दुर्गा मंदिर के समीप ही सतीनाथ घोष का आवास था, वहीं प्रवीर मजूमदार जेसी मल्लिक रोड में रहते थे।
पूजा की खरीदारी करने पत्नी संग कोलकाता गए थे रॉना दा: रॉना दा दुर्गापूजा की खरीदारी करने अपनी पत्नी के साथ कोलकाता गए थे। वहां उनकी मुलाकात अपने दोस्त प्रवीर मजूमदार से हुई, जो पत्नी के इलाज के लिए आए हुए थे। रॉना दा अपनी कार से थे और प्रवीर के पास ट्रेन का टिकट था। साथ चलने की जिद की तो प्रवीर मान गये और उन्होंने अपना टिकट रद करवा लिया। इसके बाद सभी रविवार को कार में सवार होकर धनबाद लौट रहे थे। इसी दौरान घर से कुछ दूर पहले गोविंदपुर में जंगलपुर के पास रात में उनकी कार ट्रक से टकरा गई।
सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में थी रुचि: रॉना दा बंग समुदाय में काफी लोकप्रिय थे। सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में उनकी काफी रुचि थी। बांग्ला समुदाय के कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भागीदारी रहती थी।