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Taliban Release Giridih Workers: तालिबान के कब्जे से मुक्त होकर घर पहुंचे दो मजदूर, 27 माह से थे बंधक

Taliban release Giridih Worker प्रसादी महतो ने बताया कि तालिबानियों ने उन लोगों को वहां पर एक कमरे में बंद कर रखा था। भोजन समय पर मिलता था लेकिन परिवार वालों से फोन नहीं कर सकते।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 09:45 AM (IST)Updated: Sun, 30 Aug 2020 09:45 AM (IST)
Taliban Release Giridih Workers: तालिबान के कब्जे से मुक्त होकर घर पहुंचे दो मजदूर, 27 माह से थे बंधक
Taliban Release Giridih Workers: तालिबान के कब्जे से मुक्त होकर घर पहुंचे दो मजदूर, 27 माह से थे बंधक

गिरिडीह, जेएनएन। Taliban release Giridih Worker  करीब दो वर्ष पूर्व अफगानिस्तान में अपहृत हुए बगोदर के दो प्रवासी मजदूर माहुरी के हुलास महतो और घाघरा के प्रसादी महतो सकुशल घर लौट आए हैं। करम पर्व के एक दिन पहले दोनों की घर वापसी होने से परिजनों में खुशी है। पूरे गांव में उत्सव-सा माहौल है। दोनों की सकुशल वापसी के लिए भारत सरकार की तरफ एक साल से ज्यादा समय से प्रयास चल रहा था। अमेरिका, अफगानिस्तान और तालिबान के बीच समझौते के बाद यह रिहाई हुई है। 

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प्रसादी महतो ने बताया कि तालिबानियों ने उन लोगों को वहां पर एक कमरे में बंद कर रखा था। खाना-पीना समय-समय पर मिलता था, लेकिन परिवार वालों से फोन पर बात नहीं करने दिया जाता था। दहशत व खौफ के बीच 27 माह का लंबा समय गुजरा। विश्वास ही नहीं होता था कि जिंदा दोनों घर लौट पाएंगे। अमेरिका व तालिबानियों के बीच चल रहे समझौता वार्ता की जब जानकारी हुई तो, वापसी की संभावना दिखने लगी। आज वे बहुत खुश है। उसने वतन वापसी कराने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है। 

तालिबानियों के कब्जे से मुक्त होकर प्रसादी महतो व हुलास महतो शुक्रवार की शाम रांची एयरपोर्ट पहुंचे थे। वहां से बाहर निकलते ही जब दोनों ने अपनी-अपनी पत्नियों को देखा, तो वे अपने आंसू नहीं रोक पाए। प्रसादी की पत्नी मूलिया देवी व हुलास की पत्नी  प्रमीला देवी भी अपने-अपने पति से लिपट कर रोने लगीं। हुलास के भाई निर्मल महतो ने बताया कि वहां जो भी मौजूद था, यह देख भावुक हो उठा। मूलिया व प्रमीला को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि आंतकवादियों के कब्जे से उनके पति सकुशल वापस लौट आए हैं। रांची में मेडिकल जांच के बाद प्रसादी व हुलास अपनी-अपनी पत्नियों के साथ शुक्रवार की रात अपने-अपने घर पहुंचे। पूरे गांव के लोगों ने उनका दिल खोलकर स्वागत किया। हुलास के माता-पिता ने जब अपने सामने अपने बेटे को देखा तो खुश होकर सीने से लगा लिया। दोनों से मिलने के लिए शनिवार की सुबह से ही लोगों का ताता लगा रहा। प्रवासी मजदूरों के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली भी दोनों से मिले। 

विदित हो कि मई 2018 में अफगानिस्तान में सात भारतीय मजदूरों का अपहरण किया गया था। इनमें गिरिडीह के हुलास महतो व प्रसादी महतो के अलावा प्रकाश महतो तथा हजारीबाग जिले के टाटीझरिया के बेडम निवासी काली महतो शामिल थे। शेष मजदूर बिहार व केरल के थे। घाघरा के प्रकाश महतो तथा बेडम के काली महतो की पहले ही सकुशल रिहाई हो गई थी। इसके बाद शनिवार को हुलास महतो व प्रसादी महतो की वापसी हुई। 


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