संसाधनों के बावजूद अपंग साबित हो रहा चिरकुंडा नगर परिषद, मच्छर पसार रहे पांव Dhanbad News
चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र में नियमित रूप से साफ-सफाई नहीं नहीं होने से जगह-जगह कचरे का अंबार लग गया है। नालियां बजबजा रही हैं। बावजूद परिषद के अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं।
जागरण संवाददाता मैथन: चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र में नियमित रूप से साफ-सफाई नहीं नहीं होने से जगह-जगह कचरे का अंबार लग गया है। क्षेत्र की नालियों बजबजा रही है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व परिषद के अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं। इसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों को उठाना पड़ रहा है। गंदगी के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। संक्रमण बीमारियां फैल रह है। कुमारधुबी स्टेशन के समीप कचरे का अंबार देखा जा रहा है। इसकी साफ-सफाई करने की दिशा में परिषद गंभीर नहीं दिख रहा है।
फॉगिंग मशीनें बेकार, लोगों में डेंगू का डर: परिषद द्वारा क्षेत्र में नियमित रूप से दवा का छिड़काव नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। साथ ही डेंगू ने भी पैर पसारना शुरू कर दिया है।
वर्ष 2008 में नगर पंचायत के गठन के बाद मच्छरों के मारने के लिए एक फॉङ्क्षगग मशीन करीब 90 हजार रुपये में खरीदी गई। लेकिन उस मशीन से एक दिन भी क्षेत्र में फॉगिंग नहीं की गई। मशीन नगर पंचायत में बेकार पड़ी हुई हैं।
इधर मच्छरों से लोगों को बचाव के लिए एक बार फिर वर्ष 2018 में लाखों रुपए से दो और फॉगिंग मशीन (छोटी-बड़ी) की खरीदारी की गई। बड़ी मशीन का उपयोग एक-दो बार करने के बाद वह मशीन कार्यालय के सामने खड़ी है। कभी कभार छोटी मशीन से दवा का छिड़काव किया जाता है। वह भी पिछले कई दिनों से बंद है। इससे क्षेत्र में मच्छर का प्रकोप बढ़ गया है।
काश, हर रोज आते मुख्यमंत्री: पिछले दिनों मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चिरकुंडा क्षेत्र का दौरा किया था। वे चिरकुंडा से निरसा तक दौरा कर आम जनता व कार्यकर्ताओं से मिले थे। मुख्यमंत्री के आने की सूचना मात्र से ही चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र चकाचक हो गया था। क्षेत्र में साफ-सफाई की गई थी। कचरे के ढेर को हटा दिया गया था, ताकि चिरकुंडा की साफ-सफाई देख मुख्यमंत्री खुश हो सके। मगर उनके जाते ही साफ-सफाई से मुंह मोड़ लिया गया। अब आपको चिरकुंडा क्षेत्र में सड़क के किनारे जगह-जगह कचरे मिल जाएंगे। ऐसे में कुछ लोग कहने लगे हैं कि काश, मुख्यमंत्री चिरकुंडा रोज आते तो क्षेत्र में कम से कम साफ-सफाई तो दिखती।
डेंगू से रिजवान की मौत के बाद भी परिषद गंभीर नहीं: पिछले रविवार को वार्ड संख्या छह में डेंगू से पीडि़त रिजवान खान उर्फ मिस्टर की मौत इलाज के दौरान रांची स्थित रिम्स में हो गई। इसके बावजूद नगर परिषद मच्छर मरने की दिखा में गंभीर नहीं है। इससे लोगों में परिषद के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है।
"वार्डों में नियमित रूप से मच्छर मारने की दवा का छिड़काव नहीं किया जाता है। कहने के बाद कभी कभार साफ-सफाई होती है। गंदगी के कारण मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। काफी परेशानी हो रही है।"
- अयूब रिजवी
"मेरे वार्ड में मच्छरों का प्रकोप काफी बढ़ गया है। नगर परिषद नियमित रूप से दवा का छिड़काव नहीं कर रहा है। इससे लोगों में कई बीमारियां फैल रही है। नगर परिषद को गंभीर होने की जरूरत है।"
- मो. मिराजउद्दीन
"वार्ड में साफ-सफाई तो होती है, लेकिन नालियों की सफाई नियमित रूप से नहीं हो रही हैै। कभी कभार नालियों की सफाई जैसे तैसे कर दी जाती है। गंदगी को उठाकर उपर रख दिया जाता है। परिषद को नियमित रूप से दवा का छिड़काव करना चाहिए।"
- शहनवाज रिजवी
"मेरे वार्ड में न तो नियमित साफ सफाई की जाती है और न ही मच्छरों को मारने के लिए दवा का छिड़काव ही किया जाता है। इससे क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। नगर परिषद को गंभीर होने की जरूरत है।"
- विक्रम वर्मा
"मेरे वार्ड में डेंगू के कारण एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इस तरह की घटना दोबारा नहीं हो इसके लिए नगर परिषद को सावधानी बरतनी चाहिए। नियमित रूप से मच्छर मारने के लिए क्षेत्र में दवा का छिड़काव करना चाहिए। शिकायत करने के बाद भी परिषद गंभीर नहीं है।"
- मो. आरिफ खान, पार्षद, वार्ड संख्या छह
"पिछले दो दिनों से सभी वार्डो में मच्छरों को मारने के लिए दवा का छिड़काव किया जा रहा है। नियमित रूप से क्षेत्र में साफ-सफाई की जाती है। स्वच्छता को लेकर नगर परिषद गंभीर है।"
डब्ल्यू बाउरी, चेयरमैन, चिरकुंडा परिषद