Super Cyclone Yaas: एम्फन से भी ज्यादा ताकतवर तूफान 'यास' का सामना करने को भारतीय रेलवे तैयार, ट्रैक्शन और सिगनलिंग सिस्टम को खतरा
Super Cyclone Yaas यास तूफान का मुख्य असर ओडिशा पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में देखने को मिलेगा। लेकिन झारखंड में भी प्रभावित होगा। यहां भारी बारिश होगी। साल 2018 मई में आए ताकतवर तूफान एम्फन से ज्यादा ताकतवर यास को माना जा रहा है।
धनबाद, जेएनएन। Super Cyclone Yaas बेहद ताकतवर हो रहे चक्रवात यास का असर दिखने लगा है। झारखंड में दस्तक देने से पहले ही मंगलवार सुबह से धनबाद और आसपास के जिलों में थम-थमकर बारिश हो रही है। माैसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए बुधवार को भारी बारिश की चेतावनी दी है। दूसरी तरफ इस तूफान के द्वारा बड़ी तबाही मचाने के भी संकेत मिल रहे हैं। मौसम विभाग की मानें तो चक्रवात से झोपड़ियों पर खतरा तो मंडरा ही रहा है। साथ ही पक्के मकान भी इसकी जद में आ सकते हैं। यहां तक की पक्की सड़कें भी आंधी बारिश से क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। सड़कों के साथ-साथ रेलवे पर भी इसका बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है। तेज आंधी से पेड़ गिरने और तेज बारिश से मिट्टी बह जाने से रेलवे का ओवरहेड तार और रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो सकता है। सिगनलिंग सिस्टम को भी बड़ी क्षति पहुंचने की संभावना है। हालांकि सभी हिस्सों में रेलवे और सड़कों के प्रभावित होने की संभावना नहीं है। इसका असर उन्हीं हिस्सों में ज्यादा होगा जहां से तूफान का केंद्र नजदीक से गुजरेगा।
रेलवे हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार
तूफान यास से निपटने के लिए रेलवे हाई अलर्ट पर है। पश्चिम बंगाल और ओडिशा करीब-करीब सभी ट्रेनें 25, 26 और 27 मई तक रद कर दी गई हैं। तूफान के दाैरान रेलवे ट्रैक्शन और सिगनलिंग सिस्टम प्रभावित हो सकता है। इससे निपटने के लिए रेलवे ने तैयारी की है।
सिक्किम से आंध्र प्रदेश तक फैल चुके बादल, धनबाद-बोकारो में भारी बारिश का अनुमान
बंगाल की खाड़ी में आया चक्रवात कितना ताकतवर है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सिक्किम से आंध्र प्रदेश तक इसके बादल फैले हैं और सभी राज्य सरकारों को सतर्क किया गया है। चक्रवात के बादलों की आवाजाही होने से मंगलवार की सुबह से ही आबोहवा बदल गई है। सुबह हल्की बूंदाबांदी भी हुई और उसके बाद से आसमान में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग ने 25 मई को भी धनबाद और बोकारो में भारी बारिश की संभावना जताई है। दोनों जिलों में कहीं कहीं आंधी की भी संभावना है। 26 की दोपहर से धनबाद समेत पूरे राज्य में दिखेगा ज्यादा असर झारखंड में 26 मई की दोपहर से चक्रवात का ज्यादा असर दिखेगा। दक्षिणी झारखंड से 40 से 50 की रफ्तार से प्रवेश होगा। धीरे धीरे गति बढ़ती जाएगी जो 90 से 120 किमी की स्पीड तक पहुंचेगा। अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।
झारखंड में सरायकेला-खरसावां जिला होगा चक्रवात का केंद्र बिन्दु
चक्रवात यास का असर झारखंड के दक्षिणी जिलों पूर्वी सिंंहभूम, पश्चिमी सिंंहभूम, सरायकेला खरसावां और सिमडेगा में विशेष रूप से दिख रहा है। कोल्हान के तीनों जिलों में जहां बारिश हो रही है, वहीं सिमडेगा जिले में बादल छाए हुए हैं। यही हाल राजधानी रांची का भी है। यहां भी सुबह से आसामान में बादल उमड़ रहे हैं। झारखंड में चक्रवात का केंद्र बिन्दु सरायकेला खरसावां जिला हो सकता है। पहले पूर्वी सिंंहभूम को केंद्र बिन्दु माना जा रहा था। चक्रवाता से सरायकेला खरसावां जिले में सर्वाधिक बर्बादी की आशंका है।
एम्फान से भी ज्यादा खतरनाक है यास
यास तूफान का मुख्य असर ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में देखने को मिलेगा। लेकिन झारखंड में भी प्रभावित होगा। यहां भारी बारिश होगी। साल 2018 मई में आए ताकतवर तूफान एम्फान से ज्यादा ताकतवर यास को माना जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार यह चक्रवात एम्फन से इसे ज्यादा खतरनाक है।