जोशीले छात्रों की टुकड़ी पढ़ाएगी शांति का पाठ
जोश से लबरेज स्कूली छात्रों की एक टुकड़ी, जिनके पास विधि-व्यवस्था की शक्तियां तो नहीं हैं, लेकिन इस टुकड़ी की चाल-ढाल, कार्यशैली सभी कुछ एकदम पुलिस फोर्स की तरह होगी।
जागरण संवाददाता, धनबाद: जोश से लबरेज स्कूली छात्रों की एक टुकड़ी, जिनके पास विधि-व्यवस्था की शक्तियां तो नहीं हैं, लेकिन इस टुकड़ी की चाल-ढाल, कार्यशैली सभी कुछ एकदम पुलिस फोर्स की तरह होगी। इसका चयन स्टूडेंट पुलिस कैडेट (एसपीसी), जिसका गठन सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों के बीच से किया जाएगा।
सामुदायिक पुलिसिंग के तहत स्टूडेंट पुलिस कैडेट (एसपीसी) के लिए दस स्कूलों का चयन किया गया है। यहां के बच्चे पुलिस की तरह काम करेंगे। पुलिस को सूचना उपलब्ध कराने, छोटी-मोटी समस्या हल करने के साथ-साथ आसपास के लोगों को सामुदायिक पुलिसिंग के प्रति जागरूक भी करेंगे। इसको लेकर डीईओ डॉ.माधुरी कुमारी ने दस स्कूलों का चयन कर उपायुक्त को सूची उपलब्ध करा दी है।
दरअसल प्रशिक्षण निदेशालय झारखंड पुलिस ने रांची, धनबाद और जमशेदपुर के एसएसपी को पत्र देकर सामुदायिक पुलिसिंग के तहत स्कूलों में स्टूडेंट पुलिस कैडेट कार्यक्रम आयोजित कराने की बात कही थी। जिले से स्टूडेंट पुलिस कैडेट के लिए चयनित होने वाले स्कूलों में जिला स्कूल बाबूडीह, एसएसएलएनटी प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय, उच्च विद्यालय, बीएसएस बालिका उच्च विद्यालय, उच्च विद्यालय गोविंदपुर, एनएन उच्च विद्यालय बगसुमा, जीएनएम प्लस टू उच्च विद्यालय कतरासगढ़, उच्च विद्यालय पुटकी, प्लस टू उच्च विद्यालय बलियापुर और प्लस टू उच्च विद्यालय टुंडी-1 शामिल है।
क्या है सामुदायिक पुलिसिंग: झारखंड पुलिस के अनुसार जनता और पुलिस के बीच की दूरी कम होगी तभी अपराध, अपराधियों या कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याओं से निजात मिल सकती है। इसके लिए जरूरी है कि पुलिस और जनता एक साथ मिलकर काम करे। ऐसा सामुदायिक पुलिसिंग की शुरुआत कर ही की जा सकती है। सामुदायिक पुलिसिंग से गावों की छोटी-मोटी समस्याओं का समाधान करने के साथ ही अपराध पर भी नियंत्रण करने की कोशिश की जाएगी।
ऐसा होगा स्टूडेंट पुलिस कैडेट: एसपीसी यूनिट में संभवत: 22 छात्र होंगे। छात्रों के शारीरिक टेस्ट के बाद विद्यालय चयन बोर्ड स्टूडेंट पुलिस कैडेट का चयन करते हैं। चयन के बाद गठित टीम को ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें ड्रिल, योग आदि का अभ्यास कराया जाता है। इनमें युवाओं को एसपीसी कैडेट्स और अधिकारी को सीपीओ (कम्युनिटी पुलिस ऑफिसर) कहते हैं। इसका उद्देश्य सेवा भाव है। इसके तहत छात्रों को सेवा भाव, अनुशासन, सहयोग आदि भावनाओं को सिखाना है। छात्रों को लीडरशिप, अभिव्यक्ति के माध्यम से नया सीखने के लिए प्रोत्साहित करना है। कैडेट्स यातायात नियंत्रण, यातायात नियम, प्राकृतिक आपदाओं, आमजन को कानून की जानकारी देना, शांति व्यवस्था में सहयोग, राज्य व केंद्र स्तरीय कार्यक्रमों, पुलिस विभाग की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों में सहयोग देने का काम करेंगे।
एसपीसी को मिलेगा सम्मान: एसपीसी को बैज व सम्मान भी मिलेगा। एक वर्ष पूरा होने पर उत्कृष्ट कार्य के लिए कैडेट को प्रमाणपत्र दिया जाएगा। यह पुलिस विभाग में नौकरी के समय काम आएगा। इसके अलावा सीपीओ को पुलिस पद की तरह ही स्टार आदि दिए जाते हैं। सीपीओ के पुलिस सेवा में जाने पर रैंक अनुसार पद भी दिया जाता है।