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Jharkhand: IMA झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष का आरोप, कहा-अग्निशमन हो या प्रदूषण का NOC अधिकारी मांगते हैं घूस

IMA Jharkhand डॉक्टर दंपती के अंतिम संस्कार में पहुंचे आईएमए झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार सिंह ने अग्निशमन और प्रदूषण विभाग के अधिकारियों पर घूस लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि घूस नहीं देने पर रिनुअल और एनओसी नहीं दी जाती है।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiPublished: Sun, 29 Jan 2023 03:48 PM (IST)Updated: Sun, 29 Jan 2023 03:48 PM (IST)
Jharkhand: IMA झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष का आरोप, कहा-अग्निशमन हो या प्रदूषण का NOC अधिकारी मांगते हैं घूस
IMA झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष का अग्निशमन विभाग पर घूस लेने का आरोप

जागरण संवाददाता, धनबाद। हाजरा मेमोरियल हॉस्पिटल में दंपती डॉक्टर समेत 5 की मौत के मामले पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अग्निशमन और प्रदूषण विभाग को घेरा है। इन दोनों बड़ी संस्थाओं पर घूस नहीं देने पर एनओसी नहीं प्रदान करने का आरोप लगाया है।

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डॉ. विकास हाजरा और डॉक्टर प्रेमा हाजरा के अंत्येष्टि के दौरान बस्ताकोला मुक्तिधाम में मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार सिंह ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि धनबाद में 80 से ज्यादा जबकि पूरे राज्य में 300 से ज्यादा ऐसे निजी नर्सिंग होम, निजी अस्पताल, पॉली क्लिनिक समेत ऐसे कई स्वास्थ्य संस्थान हैं, जिन्हें अग्निशमन विभाग की ओर से एनओसी नहीं मिल रहा है। उन्होंने इन विभागों पर आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग के कई लोग बिना घूस के एनओसी नहीं दे रहे हैं।

कई अस्पतालों के पास घूस देने के पैसे नहीं

डॉ. सिंह ने बताया कि कई ऐसे छोटे-छोटे अस्पताल हैं, जिनसे घूस के नाम पर अग्निशमन और प्रदूषण विभाग के लोग बड़ी रकम की मांग कर रहे हैं। छोटे अस्पतालों की इतनी कमाई नहीं होती कि वे घूस के लिए एक बड़ी रकम दे सके। यही कारण है कि अस्पतालों में अग्निशमन और प्रदूषण (बायो मेडिकल वेस्ट) के लिए रिनुअल और एनओसी नहीं मिल पा रहा है।

दिन में घटना होती तो क्या पहुंचती दमकल की गाड़ियां-डॉक्टर सुशील

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के धनबाद जिला सचिव डॉ. सुशील कुमार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जान बूझकर नर्सिंग होम को अग्निशमन के लिए लाइसेंस नहीं दिए जा रहे हैं। लाइसेंस रिनुअल नहीं हो रहा है। एसोसिएशन ने कई बार सरकार और प्रशासन से मांग की है कि सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाए, जहां पर एक ही जगह से नर्सिंग होम को सभी प्रकार के एनओसी प्राप्त हो जाए।

जिला प्रशासन पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि प्रदूषण के लिए अलग और अग्निशमन के लिए अलग आवेदन करना पड़ता है लेकिन प्रशासन ने कभी भी इस पर ध्यान नहीं दिया। आगे भी नर्सिंग होम में अगलगी की बड़ी घटना हो सकती है, इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। उन्होंने कहा कि यह घटना रात में हुई थी, इसलिए दमकल की गाड़ियां कुछ ही मिनट में पहुंच गई। यही घटना यदि दिन में होती तो क्या दमकल की गाड़ियां समय पर घटनास्थल पर पहुंच पाती? जिला प्रशासन चिकित्सकों के समस्याओं के प्रति बिल्कुल गंभीर नहीं है।


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