गांवों की सोलर फेंसिंग से होगी सुरक्षा, बिजली के झटके खाते ही जंगलों में वापस भागेंगे गजराज
Solar fencing झारखंड के ज्यादातर इलाके में हाथियों के हमले होते रहते हैं। जंगलों से निकल हाथी खेते और गांवों में चले आते हैं। इससे काफी जानमाल का नुकसान होता है। हाथियों के आतंक क रोकने के लिए गोड्डा के गांवों को सोलर फेंसिंग की योजना बनाई गई है।
अनंत कुमार, गोड्डा। झारखंड में हाथियों का उत्पात एक बड़ी समस्या बन गई है। जंगलों से निकलकर हाथी खेत-खलियान और गांवों की तरफ आ जाते हैं। इस दाैरान हाथियों के मूवमेंट से जानमाल का नुकसान होता है। इस समस्या से निपटने के लिए गोड्डा जिले में गांवों की सोलर फेंसिंग की योजना तैयार की गई है। इसके लिए 2.74 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे हाथियों का गांव में प्रवेश रुकेगा। तय योजना के तहत गांवों के बाहर सौर उर्जा से प्रभावित 12 वोल्ट की तार बिछाई जाएगी। जिसके झटकते लगते ही हाथी सहित अन्य वन्य प्राणियों को इससे हल्का झटका महसूस होगा। जिसके बाद हाथी गांव का रास्ते भटक कर आने के बजाए आगे बढ़ जाएगा। हालांकि, विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई व्यक्ति बिछाए गए तार के संपर्क मेें आ जाए तो उन्हें सिर्फ हल्का झटका महसूस होगा, इससे उनकी जान नहीं जाएगी।
फिलहाल 20 गांवों की होगी सोलर फेंसिंग
कर्नाटक सहित देश के कई अन्य राज्यों में यह योजना सफल रही है। जिसे देखते हुए गोड्डा में लाने की योजना चल रही है। वर्तमान में गोड्डा के सदर प्रखंड सहित सुंदरपहाड़ी और पोड़ैयाहाट प्रखंड के बीस गांवों के बाहरी हिस्से में सोलर फेंसिंग की जाएगी। वन विभाग की मुताबिक सोलर फेंसिंग की यह योजना 54 किमी लंबी होगी। इसके लिए जल्द ही निविदा निकाली जाएगी। संभावना है कि इसी वर्ष इसकी शुरुआत हो जाएगी। विदित हो कि हाथी का एक कारीडोर बनाया जा रहा जिसमें गोड्डा भी शामिल है। इसके तहत हाथी धनबाद, गिरिडीह से दुमका, पाकुड़ होते हुए हाथी गोड्डाके सुंदरपहाड़ी, पोड़ैयाहाट और सदर प्रखंड के पूर्वी इलाके में प्रवेश करता है। विदित हो कि जिले में अबतक हाथियों के हुए उत्पात से बीस लोगों की जान जा चुकी है।
सोलर फिंसिंग काम में शामिल होंगे दर्जनों गांव
मिली जानकारी के मुताबिक सौर फिंसिंग का यह काम संताल में पहली बार गोड्डा जिले ने ही योजना तैयार की है। इसके तहत गोड्डा, सुंदरपहाड़ी के कुसमाहा, डमरूहाट, बरियापुर, कैराबनी, गोराडीह, गोगा, डुलू, कोमोपहाड़ी, डोमडीह, कुसूमघाटी, जमनी पहाड़पुर, सुसनी, जमरूपानी, पालमडुमर, गोसमारा, भुस्की बालमकु सहित पोड़ैयाहाट के लिटी गांव को शामिल किया गया है, जहां सोलर फेंसिंग होनी है। यह काम गांववालों के देखरेख में किया जाएगा।
देश के कई राज्य हाथी के उत्पाद से प्रभावित रहा है। इसे रोकने के लिए कई राज्यों ने आबादी वाले गांवों में सोलर फेंसिंग योजना सफलता हासिल की है। गोड्डा में कर्नाटक की तर्ज पर यह काम होगा। जिला प्रशासन इसके लिए डीएमएफटी मद से आवंटन किया है। प्रतिवर्ष वन विभाग 40 से 50 लाख रुपये हाथी के उत्पात के बाद पीडि़त परिवारों पर खर्च करती है। सोलर फेंसिंग का काम पंद्रह वर्ष तक कारगर रहेगा।
- पीआर नायडू, डीएफओ, गोड्डा।