Dhanbad District Rural BJP: पीएन सिंह के इशारे पर हुआ रवींद्र-गणेश का पत्ता साफ ! इस्तीफा देकर सोशल मीडिया प्रभारी ने किया खुलासा
ओझा का कहना था की पूर्व सांसद का विजयी रहते भी टिकट काट लिया गया। निरसा से गणेश मिश्रा का टिकट काट दिया गया। यह सब सांसद पीएन सिंह के इशारे पर किया गया। सांसद पीएन सिंह किसी को उठने नहीं देना चाहते हैं।
धनबाद, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी ब्राह्मणों को दरकिनार कर रही है। वरिष्ठ नेताओं को जहां चुनाव में टिकट नहीं दिया जा रहा, वहीं पार्टी की कमेटियों में भी उन्हें जगह नहीं दी जाती। जनाधार वाले ब्राह्मण नेताओं को पार्टी में शामिल नहीं होने दिया जाता। जो शामिल हैं उन्हें तवज्जो नहीं दी जा रही है। पार्टी की बैठकों में उन्हें जलील किया जाता है। कहना था ग्रामीण जिला कमेटी के सोशल मीडिया प्रभारी सपन ओझा का।
सांसद पर साधा निशाना
ओझा रविवार को गांधी सेवा सदन में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी में लगातार उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने सोशल मीडिया प्रभारी पद के साथ ही भारतीय जनता पार्टी छोड़ने की भी घोषणा कर दी। हालांकि यह नहीं बताया कि वह किस पार्टी में जाएंगे। कहा कि खरमास के बाद इसका निर्णय लेंगे। ओझा ने सांसद पीएन सिंह पर मोबाइल पर भतीजे के प्रेम में अंधा होने का आरोप लगाया। कहा कि अपने भतीजे अमलेश को भाजयुमो जिलाध्यक्ष बनाने के लिए उन्होंने रमेश पांडे जैसे दिग्गज को पार्टी की सदस्यता नहीं लेने दिया। बॉबी पांडे जैसी संघर्षशील महिला नेत्री को महिला मोर्चा का जिला अध्यक्ष नहीं बनने दिया।
पीएन सिंह पार्टी में किसी को बढ़ने नहीं देना चाहते
ओझा के मुताबिक उन्हें सोशल मीडिया प्रभारी जरूर बनाया गया लेकिन वो बैठक में जाते हैं तो जूनियर कार्यकर्ता उनका उपहास उड़ाते हैं। उनकी बातों को ध्यान नहीं दिया जाता और न ही उनकी बात मानी जाती है। लगातार उपेक्षा से उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है। इस सवाल पर कि क्षेत्र से ब्राह्मण ही भाजपा के प्रत्याशी थे और पूर्व में सांसद भी रह चुके हैं, ओझा का कहना था की पूर्व सांसद का विजयी रहते भी टिकट काट लिया गया। निरसा से गणेश मिश्रा का टिकट काट दिया गया। यह सब सांसद पीएन सिंह के इशारे पर किया गया। सांसद पीएन सिंह किसी को उठने नहीं देना चाहते हैं। भारतीय जनता पार्टी ग्रामीण जिला कमेटी हो या महानगर कमेटी दोनों ही उन्हीं के इशारे पर चलती है। वह परिवारवाद में जकड़े हुए हैं। भविष्य में अपने पुत्र और भतीजे को नेतृत्व देने के लिए संगठन पर कब्जा जमाए हुए है। संवाददाता सम्मेलन में बाबी पांडे समेत कई और नेता शामिल थे।