कल भगवान जगन्नाथ ने बचा लिया, लेकिन आज प्लास्टिक के साथ आ गए नजर तो जेब ढीली करने को रहें तैयार
देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लग चुकी है। धनबाद में भी नया नियम पहली जुलाई से लागू हो चुका है। हालांकि गलती करने वाले कई लोगों को शुक्रवार को इसका एहसास नहीं हो सका होगा क्योंकि ना तो कोई जांच हुई और ना ही कोई कार्रवाई।
जागरण संवाददाता, धनबाद: देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लग चुकी है। धनबाद में भी नया नियम पहली जुलाई से लागू हो चुका है। हालांकि गलती करने वाले कई लोगों को शुक्रवार को इसका एहसास नहीं हो सका होगा, क्योंकि ना तो कोई जांच हुई और ना ही कोई कार्रवाई। धड़ल्ले से सिंगल यूज प्लास्टिक इस्तेमाल होती नजर आई। हालांकि अब ऐसा नहीं होगा। पहले दिन तो गलती करने वालों को भगवान जगन्नाथ ने बचा लिया। रथयात्रा की छुट्टी की वजह से नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारी सुस्त नजर आए, पर शनिवार से कार्रवाई को उन्होंने कमर कस ली है।
नगर निगम और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जागरूकता फैलाने और मीटिंग करने के बाद भी पहली जुलाई को सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक नहीं लग सकी। दुकानदार प्लास्टिक कैरी बैग में सामान बेचते रहे तो लोग भी हाथों में आराम से सब्जी और राशन का सामान ले जाते नजर आए। शाॅपिंग माल में भी यही स्थिति रही। यही नहीं, रेस्टोरेंट और होटल को भी सिंगल यूज प्लास्टिक वाले सामानों का प्रयोग नहीं करने की हिदायत दी गई थी, पर यहां भी रोक का कोई असर नहीं दिखा। सबसे अहम यह रहा कि प्लास्टिक रोक के जिम्मेवार उपायुक्त, एसडीओ, नगर निगम और जेएसपीसीबी का क्षेत्रीय कार्यालय ही प्रतिबंधित हुए प्लास्टिक की रोकथाम के लिए बाजार में नजर नहीं आए। एक संबंधित अधिकारी को फोन कर जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा आज रथयात्रा का अवकाश है, इसलिए आज अभियान नहीं चलाएंगे। शनिवार से इस पर व्यापक स्तर पर अभियान चलेगा।
शुक्रवार को शहर के प्रमुख मार्केट बरटांड़, हीरापुर, सरायढेला, स्टीलगेट, पुराना बाजार, बैंक मोड़, मटकुरिया, यहां तक कि झरिया और कतरास में भी धड़ल्ले से प्लास्टिक की बिक्री होती रही। मिठाई की दुकानों में भी आराम से 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक की बिक्री होती रही। पूछने पर संचालकों ने बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है। आखिर कस्टमर को सामान किसमें देंगे। कागज के खोमचे भी अभी मार्केट में भरपूर मात्रा में उपलब्ध नहीं है।
बता दें कि वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिसूचित प्लास्टिक अवशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम 2022 के तहत आज से सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण, आयात, स्टाकिंग, वितरण, बिक्री एवं उपयोग प्रतिबंधित हो गया। नगर निगम और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय ने लगातार अभियान चलाकर नियमों का अनुपालन कराने के साथ और संबंधित पर कार्रवाई करने की बात कही थी। पांच हजार से लेकर 20 हजार तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही लगातार नियमों की अनदेखी करने और बार बार जुर्माना देने के बाद भी नियम का पालन न करने पर पांच वर्ष तक की सजा और एक लाख तक का जुर्माना का भी प्रावधान किया गया है। एक अवधि के लिए कारावास पांच साल वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना एक लाख रुपये और सजा दोनों एक साथ हो सकती है। इसके बाद भी उल्लंघन करने पर हर दिन के लिए पांच हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
सिंगल यूज प्लास्टिक में ये चीजें शामिल
प्लास्टिक की छड़ियों के साथ कान की कलियां, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की छड़ें, सजावट के लिए पालीस्टायरीन (थर्मोकोल), भोजन परोसने की प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, पीवीसी बैनर 100 माइक्रोन से कम शामिल है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अनुसार रीसाइकिल प्लास्टिक से बने कैरी बैग की मोटाई 75 माइक्रोन से कम नहीं होनी चाहिए। 31 दिसंबर 2022 से 120 माइक्रोन मोटाई के कैरी बैग प्रतिबंधित होंगे।
यह होगा जुर्माना
- दुकान में पहली बार प्लास्टिक मिलने पर 500 रुपये, दूसरी बार एक हजार और तीसरी बार दो हजार रुपये का जुर्माना।
- प्रतिष्ठानों में पहली बार में पांच हजार, दूसरी बार दस हजार और तीसरी बार में 20 हजार रुपये का जुर्माना।
- प्लास्टिक बैग का निर्माण करने वाली कंपनियों पर प्रति टन पहली बार पांच हजार, दूसरी बार दस हजार और तीसरी बार 20 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से जुर्माना।
अभी जागरूक कर रहे, बाद में कड़ी कार्रवाई करेंगे...
इस संबंध में नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने कहा कि सहायक नगर आयुक्त प्रकाश कुमार को इसके अनुपालन का जिम्मा दिया गया है। सिटी मैनेजर प्रेम प्रकाश भी उनको सहयोग करेंगे। इसके लिए टीम गठित की गई है। समय-समय पर छापेमारी की जाएगी। लोगों को जागरूक करने का भी प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी शुरुआती दौर में लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके बाद कड़ी कार्रवाई होगी। प्रतिष्ठान को सील भी करेंगे।
इधर, धनबाद के उपायुक्त संदीप सिंह ने कहा कि सीओ के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। जल्द ही सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम के लिए अभियान चलाया जाएगा।
सामान देने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह किसका करें उपयोग, यह भी बताएं
इधर, सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध पर बरटांड़ चैंबर आफ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष कुमार मधुरेंद्र ने कहा कि आज से राष्ट्रीय स्तर पर प्लास्टिक बंद है। इससे पहले जब 2014-2019 तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम धनबाद के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाया गया था। स्लोगन बनाकर सभी दुकान और चौक चौराहों पर लगवाया था, लेकिन इसके बाद भी कोई हल नहीं निकला। अभी 70-100 माइक्रोन की बात कर रहे हैं। हाल ही में हुई बैठक में मिठाई दुकान, ढेले, खोमचे वालों के लिए प्लास्टिक की जगह अन्य पाउच की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं कर पाए। ना ही निगम के सिटी मैनेजर एवं अन्य पदाधिकारी इस और ज्यादा जानकारी दे सके।