भोजपुरी गायक भरत शर्मा की सजा बहाल, अपील खारिज
अदालत ने भरत शर्मा की तीनों अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।
धनबाद। फर्जी कागजात के सहारे टीडीएस फाइल कर आयकर विभाग से रिटर्न प्राप्त करने के तीन अलग-अलग मामलों में भोजपुरी गायक भरत शर्मा व्यास को कोर्ट से राहत नहीं मिली है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनबाद संजय कुमार की अदालत ने भरत शर्मा की तीनों अपील को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। निचली अदालत ने दो-दो वर्ष कैद एवं दस-दस हजार रुपये जुर्माना की सजा दी थी। भरत शर्मा की ओर से अधिवक्ता ताज आलम एवं आयकर विभाग की ओर से अधिवक्ता मुख्तार अहमद ने बहस की थी।
अधिवक्ता अहमद ने बताया कि अब भरत को तीनों मामलों में निचली अदालत में सरेंडर कर जेल जाना होगा, तभी वह उच्च न्यायालय में अपील दायर कर सकेंगे। बताते चलें कि 13 जून 2018 को धनबाद के अवर न्यायाधीश एमके त्रिपाठी की अदालत ने आर्थिक अपराध के तीन मामलों में भरत शर्मा को दोषी करार दिया था और सजा दी थी। इस सजा को भरत शर्मा ने सत्र न्यायालय में पाच जुलाई को अपील दायर कर चुनौती दी थी।
भरत शर्मा पर आरोप : आयकर अधिकारी शशि रंजन की शिकायत पर 25 एवं 28 जनवरी 2005 को कुल पाच शिकायतवाद दाखिल किया गया था। शिकायतवाद के मुताबिक वित्तीय वर्ष 1997-98 के दौरान भरत शर्मा ने फर्जी कागजातों के आधार पर आयकर विभाग से 37 हजार 634 रुपये वापसी का दावा किया था। विभाग ने उन्हें सूद समेत 37 हजार 634 रुपये वापस किए थे।
दूसरे केस के मुताबिक वित्तीय वर्ष 1998-99 के दौरान भरत ने 79 हजार 260 रुपए का रिटर्न क्लेम किया। तीसरे मामले में आयकर विभाग का आरोप है कि वित्तीय वर्ष 1999-2000 के दौरान भरत शर्मा ने एक लाख तीन हजार रुपये का टीडीएस क्लेम लिया था। जाच में इस बात का खुलासा हुआ था कि भरत ने सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज के जो कागजात विभाग को सौंपे थे, वह कंपनी द्वारा निर्गत ही नहीं किए गए थे। बताते चलें कि इसके पूर्व भरत शर्मा की पत्नी बेबी देवी को निचली अदालत से फर्जी तरीके से रिटर्न क्लेम के मामले में ही सजा हो चुकी है। अपीलीय अदालत ने भी सजा को बरकरार रखा है। फिलवक्त बेबी देवी ने उच्च न्यायालय में अपील दायर कर रखी है।