'गैंग्स ऑफ वासेपुर' देख शुभम बना सोनू, स्वर्ण व्यवसायी से मांगी पांच लाख की रंगदारी Dhanbad News
जिस नंबर से शुभम ने रोहित से रंगदारी मांगी थी वह सिम तमिलनाडु के धर्मापुरी के सबरीनाथन मधैया के नाम से है। पुलिस से सक्रिय होने के बाद शुभम ने सिम तोड़कर फेंक दिया था।
धनसार, जेएनएन। फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर देखकर बेंगलुरु में वेल्डिंग का काम कर करने वाले फहीम खान का भतीजा बनकर रंगदारी मांगने वाले शुभम ने सोमवार को धनसार थाना में आत्मसमर्पण कर दिया। बता दें कि 21 अगस्त को हीरापुर के स्वर्ण व्यवसायी गांधीनगर निवासी रोहित कुमार कश्यप से शुभम ने सोनू खान बनकर फोन पर पांच लाख की रंगदारी मांगी थी। मामले को लेकर धनसार पुलिस शुभम से पूछताछ कर रही है।
शुभम ने पुलिस को बताया कि उसने बैंगलुरु से फोनकर फहीम खान का भतीजा सोनू खान बनकर रंगदारी मांगी थी। शुभम के नहीं पकड़े जाने के कारण उसके पिता साधु यादव को उसके पैतृक गांव जमुई के सिकंदराबाद से पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसके बाद उसने धनसार थाना में समर्पण कर दिया। इस मामले में पुलिस ने हीरापुर के अरुण व उदय साव से पूछताछ की थी।
शुभम 15 साल पूर्व अपने पिता साधु यादव के साथ भूली में रहता था। यहां इसके पिता शिक्षक थे। इसके बाद पूरा परिवार जमुई के सिकंदराबाद गांव चला गया। शुभम बैंगलुरु में वेल्डर का काम कर रहा था। जिस नंबर से शुभम ने रोहित से रंगदारी मांगी थी, वह सिम तमिलनाडु के धर्मापुरी के सबरीनाथन मधैया के नाम से है। शुभम ने बैंगलुरु के दुकानदार से 50 की जगह 150 रुपये में सिम कार्ड ब्लैक में खरीदा था। रंगदारी मांगने के बाद जब पुलिस सक्रिय हुई तो उसने सिम तोड़कर फेंक दिया था।
शुभम ने बताया कि उसने गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म देखने के बाद पता चला कि धनबाद में फहीम खान नाम के शख्स का दबदबा है। उस फिल्म से ही उसके भतीजे सोनू खान का नाम पता चला। तब उसने योजना बनाई कि धनबाद के ही किसी व्यवसायी से रंगदारी मांगा जाए। इसके बाद उसने गूगल पर सर्च कर हीरापुर में सभी प्रतिष्ठानों का पता लगाया और स्वर्ण व्यवसायी रोहित कुमार कश्यप से रंगदारी मांगी थी।