524 श्रमिकों को लेकर चेन्नई व बेंगलुरु से पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन, धनबाद रेलवे स्टेशन पर फिर से दिखी अव्यवस्था
बेंगलुरु व चेन्नई से कामगारों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से धनबाद पहुंची। स्टेशन पर प्रशासन या रेलवे की ओर से खास तैयारी नहीं की गई थी। इसके चलते लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।
धनबाद, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान चेन्नई और बेंगलुरु जैसे महानगरों में फंसे धनबाद समेत झारखंड के विभिन्न जिलों के 524 कामगारों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बुधवार को धनबाद पहुंची। इस दौरान रेलवे व जिला प्रशासन की तरफ से पहले से तैयारी नहीं होने की वजह से धनबाद स्टेशन परिसर में अव्यवस्था देखी गई। दो दिनों का सफर पूरा कर आए कामगार और उनके परिवार को घंटों लाइन में बस का इंतजार करना पड़ा।
चेन्नई और बेंगलुरु से लौटे कुछ मजदूरों ने बताया कि उन शहरों में कल-कारखाने खुल चुके हैं। शहर धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है लेकिन ज्यादातर कामगार अपने गांव लौट चुके हैं और काम करनेवालों की कमी हो गई है। कल कारखाने और कंपनी के मालिक कम से कम पैसे देकर काम कराना चाह रहे हैं। इतने पैसे में अपना और अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाना मुश्किल है। इसलिए गांव लौट रहे हैं। परिस्थिति सामान्य होने के बाद निर्णय लेंगे।
शहर में कामगारों की कमीः लॉकडाउन के बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से लगातार मजदूरों को गांव लौटना जारी है। बातचीत के दौरान बेंगलुरु से लौटे एक मजदूर ने कहा कि काम-धंधा बंद हो जाने के चलते रुपये-पैसे की दिक्कत हो गई थी। खाने-पीने को लेकर समस्या होने लगी थी। ऐसे में गांव लौटना ही सही थी। लौटना तो काफी पहले था लेकिन व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। अपने साथ-साथ परिवार की भी चिंता थी।
23 बसों से भेजे गए कामगार : सबसे आगे और सबसे पीछे वाली एक साथ दो बोगियों से शारीरिक दूरी बनाकर कामगारों को प्लेटफॉर्म पर उतारा गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने थर्मल स्क्रीनिंग की। सैनिटाइजर से हैंडवॉश कराए गए। फूड पैकेट व पानी देकर उन्हें संबंधित जिले की बसों में बैठाया गया। जिला प्रशासन के मुताबिक कामगारों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए 23 वाहनों का प्रबंध किया गया।
किस जिले के कितने कामगार : स्पेशल ट्रेन से धनबाद के 44, कोडरमा के 183, बोकारो के 59, देवघर के 45, दुमका के 49, गिरीडीह के 30, गोड्डा के 47, हजारीबाग के 13, जामताड़ा के 47 तथा साहिबगंज जिले के 7 श्रमिक धनबाद पहुंचे।