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Lockdown: अर्थी के लिए बमुश्किल मिल रहे चार कंधे, वाहनों से शवों को पहुंचाया जा रहा श्मशान घाट

धनबाद के प्रमुख तेलीपाड़ा शमशान घाट मटकुरिया श्मशान घाट मोहलबनी श्मशान खुदिया नदी और बस्ताकोला श्मशान घाट में पिछले 30 दिन में 128 शव पहुंचे लेकिन कोई भी चार कंधों पर नहीं आया।

By Edited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 02:21 AM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 01:55 PM (IST)
Lockdown: अर्थी के लिए बमुश्किल मिल रहे चार कंधे, वाहनों से शवों को पहुंचाया जा रहा श्मशान घाट
Lockdown: अर्थी के लिए बमुश्किल मिल रहे चार कंधे, वाहनों से शवों को पहुंचाया जा रहा श्मशान घाट

धनबाद [ आशीष सिंह ]। सनी देओल की फिल्म 'घातक' याद होगी आपको। इसका एक डायलॉग बहुत फेमस हुआ था। जिसमें अमरीश पुरी कहता है चार कंधों की जरूरत नहीं है मुझे, अकेला काशी ही काफी है कंधा देने के लिए। लॉकडाउन ने हर चीज को बदल दिया है। इसे कोरोना वायरस का खौफ कहें, जागरूकता कहें या फिर प्रशासन की सख्ती, जनाजा उठाने के लिए भी बमुश्किल चार कंधे मिल रहे हैं। लॉकडाउन के बीच शव के साथ पाच-छह लोग ही श्मशान घाट पहुंच रहे हैं। इतनी कम संख्या में कंधों पर शव उठाकर श्मशान तक पहुंचना संभव नहीं है। इसलिए शवों को कंधों की जगह वाहनों पर लेकर शमशान पहुंच रहे हैं। 

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धनबाद के प्रमुख तेलीपाड़ा शमशान घाट, मटकुरिया श्मशान घाट, मोहलबनी श्मशान, खुदिया नदी और बस्ताकोला श्मशान घाट में पिछले 30 दिन में 128 शव पहुंचे, लेकिन कोई भी चार कंधों पर नहीं आया। सभी छोटी ट्रॉली वाली गाड़ियों, एंबुलेंस, ऑटो और 407 ट्रक पर लदकर श्मशान घाट पहुंचे।

केस स्टडी-एक

म़ृतक : उमा देवी, नूतनडीह जगजीवन नगर स्थिति : छोटी ट्रॉली गाड़ी से पांच से सात लोग तेलीपाड़ा श्मशान घाट पहुंचे।

केस स्टडी-दो

मृतक : उषा देवी, दामोदरपुर स्थिति : 407 से शव लेकर तेलीपाड़ा श्मशान घाट पहुंचे।

केस स्टडी - तीन

मृतक : उमाशंकर प्रसाद, झरिया स्थिति : 407 गाड़ी से परिवार के पांच सदस्य मोहलबनी घाट पहुंचे।

केस स्टडी - चार

मृतक : देवेश मंडल, गोविंदपुर स्थिति : खुदिया नदी श्मशान घाट पर खुले ऑटो पर शव लेकर पहुंचे।

किस श्मशान में गाड़ियों से कितने पहुंचे शव

श्मशान घाट लॉकडाउन (30 दिन)

तेलीपाड़ा 23

मटकुरिया 26

बस्ताकोला झरिया

21 मोहलबनी

झरिया 36

खुदिया नदी गोविंदपुर 22

शव आने की संख्या कम हुई है। जो शव आ भी रहे हैं तो पैदल लेकर कोई नहीं आ रहा है। कोई एंबुलेंस से लेकर आ रहा है तो कोई छोटे ट्रक पर। पांच-सात से ज्यादा लोग एक शव के साथ नहीं आ रहे हैं। जब इतने कम लोग आएंगे कंधा बदलने की स्थिति कहां से आएगी।

- जमुना डोम, तेलीपाड़ा श्मशान घाट


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