शक्ति में था गरीबों के लिए संघर्ष करने का जुनून
संस सिजुआ शोषितों को अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करने वाले शहीद शक्तिनाथ महतो की जयंती
संस, सिजुआ: शोषितों को अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करने वाले शहीद शक्तिनाथ महतो की जयंती सोमवार को मनाई जाएगी। उनका जन्म दो अगस्त 1948 को तेतुलमुड़ी बस्ती में एक किसान परिवार में हुआ था। कुमारधुबी में फीटर ट्रेड का प्रशिक्षण प्राप्त कर मुनीडीह प्रोजेक्ट में योगदान दिया। कोलियरी क्षेत्र में मजदूरों को सूदखोरों के चंगुल से आजाद कराने तथा न्यूनतम मजदूरी दिलाने के लिए शक्ति ने आंदोलन का बिगुल फूंका। इसी बीच वह विनोद बिहारी महतो के संपर्क में आए और 21 जनवरी 1971 को शिवाजी समाज की जोगता थाना कमेटी का गठन किया। शक्ति को मंत्री बनाया गया। उन्होंने बाल विवाह, दहेज प्रथा, नशा उन्मूलन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। समाज के लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से रात्रि पाठशाला का शुभारंभ किया। आपातकाल के दौरान शक्ति 22 माह तक धनबाद, भागलपुर तथा मुजफ्फरपुर के जेलों में बंद रहे। 22 मई 1975 को कारीटांड़ में हुई बैठक के बाद शक्ति की हत्या की कोशिश की गई। रात गांव में ही बिताने के कारण अपराधियों के कहर से वे तो बच गए, लेकिन उनके तीन साथी शहीद हो गए। 28 नवंबर 1977 को सुबह साढ़े दस बजे सिजुआ में गोली व बम मारकर उनकी हत्या कर दी गई।
शहीद शक्ति की पैतृक गांव तेतुलमुड़ी तथा समाधि स्थल टाटा सिजुआ बारह नंबर (आजाद सिजुआ) में सोमवार को जयंती मनाई जाएगी। कोरोना काल की वजह से सादगीपूर्ण तरीके से कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। स्वजनों के अलावा विभिन्न राजनीतिक दल के नेता, समाजसेवी, बुद्धिजीवी सहित आमजन उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देंगे।