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मी टू ... धनबाद में इतना सन्नाटा क्यों पसरा है भाई!

भाईजी और रायजी का टशन बढ़ता ही जा रहा है। रायजी जब न तब इस्पातनगरी से भ्रमण करते कोयलानगरी पहुंच जा रहे हैं। उन्हें भ्रमण कराने वालों की संख्या भी बढ़ रही है।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 12:05 PM (IST)Updated: Sat, 20 Oct 2018 11:11 AM (IST)
मी टू ... धनबाद में इतना सन्नाटा क्यों पसरा है भाई!
मी टू ... धनबाद में इतना सन्नाटा क्यों पसरा है भाई!

धनबाद, जेएनएन। हॉलीवुड से उठा मी टू का बवंडर वाया बॉलीवुड और पत्रकारिता होते हुए राजनीति के मैदान तक पहुंच गया है। अब तक धनबाद में मी टू का कोई मामला सामने तो नहीं आया है लेकिन हर जगह चर्चा जरूर है। धनबाद समाहरणालय, धनबाद नगर निगम, मिश्रित भवन और कतिपय जनप्रतिनिधियों के घर-दफ्तर तक मी टू मी टू बोल रहे हैं। दरअसल, ये दफ्तर और घर ही तो इसके गवाह हैं। कोई पीडि़त सामने आए या नहीं आए जानने वाले अब पुरानी घटनाओं को याद कर रहे हैं।

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बिहार के जमाने में धनबाद के एक उपायुक्त हुआ करते थे। उन्हें कौन भूल सकता है। वह क्या कम थे। उनके दुख भरे दिन चल रहे हैं। अगर सब मी टू वाली सामने आ गईं तो मुसीबत बढ़ सकती है। इसी बहाने दो पूर्व डीडीसी की कहानियों को लोग चटकारे के साथ सुन और सुना रहे हैं। एडीएम साहब को कौन भूल सकता है? एक अंचलाधिकारी को होटल में बुला रहे थे। अंचलाधिकारी ने झासा की बैठक में अपना दुखड़ा बयां कर सनसनी फैला दी थी। नगर निगम तो इतना पीडि़त है कि पीडि़ता अगर सामने आईं तो मी टू मी टू का शोर मच जाएगा। गुल खिलाने वालों में दो पूर्व मंत्री और दो विधायक भी कम नहीं हैं। विधायकजी को समर्थकों ने कई बार देखा भी है। बड़ा सवाल यह है कि यहां मी टू का मामला सामने कब आएगा। सबको बेसब्री से इंतजार है। 

एक्सपायरी भी मैदान मेंः

 पर्व-त्योहार में प्रभावी लोग परवी वसूलते ही हैं। ज्यादा प्रभावी के पास तो लोग खुद-ब-खुद परवी-प्रसाद पहुंचा देते हैं। कम प्रभाव वालों को खुद पहल करनी पड़ती है। यह राज की बात नहीं है। राज यह है कि एक्सपायरी लोगों का भी धनबाद से प्रेम-लगाव बना रहता है। अब गोविंदपुर थाना के सेवानिवृत्त दारोगा को ही लीजिए। वह सेवानिवृत्ति के बाद परवी-प्रसाद का लाभ उठा रहे थे। किसी को शक न हो इसलिए वर्दी झाड़ कर निकलते थे। पूजा के मौके पर जीटी रोड स्थित कल-कारखानों में कुछ पुलिस वाले परवी-प्रसाद के लिए जब घूमना शुरू किए तो उनका माथा चकरा गया। उनसे पहले ही परवी-प्रसाद का किसी ने सेवन कर लिया। किसने क्या? गोविंदपुर पुलिस ने जाल बिछाया। तब एक्सपायरी दारोगा फंस गए। धनबाद से पदोन्नत होकर जाने वाले भी परवी-प्रसाद का सेवन करते रहते हैं। इस मौसम में हर तरफ और हर विभाग में परवी-प्रसाद का शोर है। 

भाईजी और रायजी का टशनः

भाईजी और रायजी का टशन बढ़ता ही जा रहा है। रायजी जब न तब इस्पातनगरी से भ्रमण करते कोयलानगरी पहुंच जा रहे हैं। उन्हें भ्रमण कराने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। इसे लोकसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। यह भ्रमण भाईजी को नहीं भा रहा है। सबसे ज्यादा कचोटने वाली बात यह है कि भाईजी के घर में रायजी बतौर अतिथि और मुख्य अतिथि बन रहे हैं। सार्वजनिक कार्यक्रम में दोनों एक साथ मंचासीन हुए तो तल्खी जगजाहिर हो गई। भाईजी ने रायजी को सरकार का सबसे विद्वान मंत्री कहकर तंज सका। रायजी ने मंच पर तो जवाब नहीं दिया लेकिन समर्थकों के बीच जो कहा उसके धनबाद की राजनीति में कई मायने निकाले जा रहे हैं। उनकी टिप्पणी थी-हमें बिगडै़ल सांड़ नाथना आता है। 


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