बीसीसीएल की 50 ठेका कंपनियों की होगी फॉरेंसिक ऑडिट
बीसीसीएल पर मुख्य सतर्कता आयुक्त से लेकर कोयला मंत्रालय तक की निगाहें हैं। 2012 से लेकर 2015 के बीच हजारों करोड़ के हुए घपलों ने कंपनी की साख पर बट्टा लगाया है।
By Edited By: Published: Mon, 23 Apr 2018 11:25 AM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 04:05 PM (IST)
आशीष अंबष्ठ, धनबाद: बीसीसीएल पर मुख्य सतर्कता आयुक्त से लेकर कोयला मंत्रालय तक की निगाहें हैं। 2012 से लेकर 2015 के बीच हजारों करोड़ के हुए घपलों ने कंपनी की साख पर बट्टा लगाया है। ठेका कंपनियां तो बीसीसीएल को चूना लगाकर खुद मालामाल हुई। अब जांच की परिधि में आई ऐसी ठेका कंपनियों का फॉरेंसिक ऑडिट शुरू कराया गया है। इसकी रिपोर्ट जल्द विजिलेंस के माध्यम से सीवीसी को दी जाएगी। फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सीवीसी व कोयला मंत्रालय के निर्देश पर कोलकाता की घोषाल एंड घोषाल कंपनी को ठेका कंपनियों की फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। उसेढाई लाख का भुगतान कर दिया गया है। कंपनी के एक्सपर्ट जांच के दायरे में आई 50 ठेका कंपनियों के रजिस्ट्रेशन, टीन नंबर व कागजों की छानबीन करेंगे। सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय व सीवीसी के पास सौ से अधिक अधिकारियों व ठेका कंपनियों के कारनामों की फेहरिस्त है। पहले जांच का केंद्र कुस्तौर एरिया था। अब सीवीसी ने दायरा अन्य एरिया में भी बढ़ाया है। पूर्व में हुई जांच में साफ तौर पर निर्दिष्ट किया गया है कि एक चर्चित ठेकेदार के साथ कई अधिकारियों ने कंपनी के कागजों में गड़बड़ी कर उसे लाभ पहुंचाया। खंगाला जाएगा चार वर्ष का रिकॉर्ड: बीसीसीएल में 2011-2012 से लेकर 2015 के बीच काम करनेवाली ठेका कंपनियों के कागजों की जांच होगी। इसके पहले जांच टीम ने 2008 से 2013 के बीच हुए टेंडर, डिजिटल हस्ताक्षर, राशि भुगतान समेत अन्य मामलों की गहराई से जांच की है। डिजिटल हस्ताक्षरों में गड़बड़ी मिलने पर ऑडिट का निर्णय लिया गया है।
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