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केंद्रीय अनुसूचित जाति आयाेग ने BCCL को भेजा नोटिस, कंपनी पर निर्देशों का नजरअंदाज का आरोप

बीसीसीएल में अनुकंपा आधारित नाैकरी के सैकड़ाें मामले वर्षाें से लंबित हैं। इनके निपटारे के लिए हाल में कार्मिक निदेशक पीवीकेआरएम राव ने बीसीसीएल आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की थी। अनुकंपा आधारित मामलाें में नियाेजन की गति तेज करने का निर्देश दिया गया था।

By MritunjayEdited By: Published: Fri, 04 Jun 2021 09:58 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jun 2021 09:58 AM (IST)
केंद्रीय अनुसूचित जाति आयाेग ने BCCL को भेजा नोटिस, कंपनी पर निर्देशों का नजरअंदाज का आरोप
भारत कोकिंग कोल लिमटेड ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। केंद्रीय अनुसूचित जाति आयाेग ने भारत काेकिंग काेल लिमिटेड के कार्मिक महाप्रबंधक काे नाेटिस भेजा है। मामला सुनीता देवी प्रकरण से संबंधित है। गाेरगा निवासी सुनीता देवी की मृत्यु के वर्षाें बाद भी उन्हें नियाेजन नहीं दिया जा सका है। अनुकंपा आधारित नाैकरी में इतनी देर काे आयाेग ने प्रताड़ना और भेदभाव मानते हुए कंपनी से जवाब तलब किया है। पत्र नाै अप्रैल काे ही लिखा गया है। इसमें केंद्रीय अनुसूचित जाति आयाेग के सेक्शन ऑफिसर जसवीर सिंह ने बताया है कि इस मुद्दे पर बीसीसीएल काे पहली अक्टूबर २०२० व २४ मार्च २०२१ काे पत्र भेजा गया था लेकिन कंपनी ने उस पर भी काेई जवाब नहीं दिया।

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सुनीता की नाैकरी का मामला उलझा

बता दें कि सुनीता देवी के पति की माैत के बाद उसके देवर ने कहा था कि वह पति से अलग रह रही थी। दाेनाें का अलगाव हाेने वाला था। ऐसे में नाैकरी नहीं दी जाए। हालांकि बाद में उसने आराेप वापस ले लिया था। इस मुद्दे पर औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने भी काफी प्रयास किया। उनके सांसद प्रतिनिधि मिलन कुमार सिंह इस मुद्दे पर ४० से अधिक बार काेयला भवन का दाैरा कर चुके हैं। सुनीता देवी ने इस प्रकरण पर आत्मदाह तक की धमकी दी थी जिसे किसी तरह प्रबंधन टालने में सफल रहा। हालांकि अभी तक काेई फैसला नहीं हाे सका है।

कार्मिक निदेशक ने बनाई कमेटी

बीसीसीएल में अनुकंपा आधारित नाैकरी के सैकड़ाें मामले वर्षाें से लंबित हैं। इनके निपटारे के लिए हाल में कार्मिक निदेशक पीवीकेआरएम राव ने बीसीसीएल आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके तहत सभी क्षेत्राें के साथ बैठकें कर अनुकंपा आधारित मामलाें में नियाेजन की गति तेज करने का निर्देश दिया गया था। कई लोगों को नौकरी दी भी गई। इस मामले में तेजी लाने के लिए डीपी ने एक कमेटी का भी गठन किया है। जानकारी के मुताबिक कमेटी के तहत सुनीता देवी का भी मामला सूचीबद्ध किया गया है। देखना है कि कमेटी उन्हें कब तक नियाेजन प्रदान करती है।


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