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Dhanbad: तलाब का अस्तित्व बचाइए हुजूर! नहीं तो पानी को तरस जाएगी डेढ़ लाख की आबादी

ब्रितानी हुकूमत में बने कुसुंडा का रेलवे तालाब अपना अस्तित्व खो रहा है। तलाब धीरे-धीरे संकुचित होकर छोटा होता जा रहा है। प्रदूषण की वजह से तालाब में भारी गंदगी जमा हो गई है। ऐसे में तालाब पर निर्भर लगभग डेढ़ लाख लोग।

By Atul SinghEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 01:27 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 01:27 PM (IST)
Dhanbad: तलाब का अस्तित्व बचाइए हुजूर! नहीं तो पानी को तरस जाएगी डेढ़ लाख की आबादी
ब्रितानी हुकूमत में बने कुसुंडा का रेलवे तालाब अपना अस्तित्व खो रहा है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद: ब्रितानी हुकूमत में बने कुसुंडा का रेलवे तालाब अपना अस्तित्व खो रहा है। तलाब धीरे-धीरे संकुचित होकर छोटा होता जा रहा है। प्रदूषण की वजह से तालाब में भारी गंदगी जमा हो गई है। ऐसे में तालाब पर निर्भर लगभग डेढ़ लाख लोग अब इसे बचाने की गुहार प्रशासनिक अधिकारियों से कर रहे हैं। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने सांसद उपायुक्त, नगर आयुक्त समेत अन्य पदाधिकारियों से मिलकर तलाब बचाने की गुहार लगाई है। आसपास के तमाम लोगों को इसी तरह पर निर्भर होना पड़ता है। पिछले 5 वर्षों में तलाब सिकुड़ कर छोटा हो रहा है। तलाब में केवल कीचड़ और जलकुंभी ही बचे हुए हैं। स्थानीय दिनेश कुमार ढाडी ने कहा है तालाब पर यदि ध्यान नहीं दिया गया तो इतनी बड़ी आबादी पानी के बिना रह नहीं पाएगी।

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आउटसोर्सिंग कंपनी के कारण तालाब की और बिगड़ी स्थिति, सांसद की भी नहीं सुन रहा बीसीसीएल

दिनेश ने बताया कि कुछ दूर पर आउटसोर्सिंग कंपनी चल रही है। अब इसी तालाब से आउटसोर्सिंग कंपनी हर दिन पानी का प्रयोग कर रही है। शुरुआती में तो किसी ने विरोध नहीं किया। लेकिन अब तालाब में पानी तेजी से सूख गया है। इसलिए अब लोग सामने आ रहे हैं। स्थानीय लोगों ने सांसद पीएम सिंह से जाकर इसकी शिकायत की। इसके बाद सांसद ने बीसीसीएल एरिया 6 के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर पानी के प्रयोग आउटसोर्सिंग कंपनी में नहीं करने को कहा है। सांसद के कहने के बावजूद बीसीसीएल प्रबंधन और स्थानीय कंपनी अनसुना कर रहा है। और पानी का प्रयोग लगातार जारी है।

नगर निगम से सौंदर्यीकरण करने की लोगों ने की मांग

इस संबंध में स्थानीय लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों रेलवे और नगर निगम के अधिकारियों से जाकर मिला। लोगों का कहना था यदि नगर निगम के सौंदर्यीकरण योजना के तहत तालाब का कायाकल्प किया जाए तो इसका अस्तित्व बचाया जा सकता है। रेलवे के तालाबों को नगर निगम में सुंदरीकरण किया है तो इसके तहत कुसुंडा रेलवे तालाब का भी सुंदरीकरण किया जाए। तालाब का अस्तित्व इसी तरह से होता रहा तो आसपास के लोग जोरदार आंदोलन करेंगे।


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