साहिबगंज में चल रहा Coronavirus Vaccine Certificate FRAUD, एक सीएचओ गिरफ्तार
झारखंड के साहिबगंज में कोरोना टीकाकरण का फर्जी प्रमाणपत्र बनाने का खेल चल रहा है। चार से पांच साै रुपये लेकर प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। इस मामले में पुलिस ने स्वास्थ्य उपकेंद्र मंडई के कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) मांगी राम तांडी को गिरफ्तार किया है।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज। कोरोना टीकाकरण का फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले स्वास्थ्य उपकेंद्र मंडई के कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) मांगी राम तांडी को राजमहल थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दूसरे नामजद आरोपित स्वास्थ्य उपकेंद्र लखीपुर के सीएचओ कृपाण मीणा की गिरफ्तारी को छापेमारी की जा रही है। मांगी राम तांडी ने पूछताछ के दौरान अपने कुछ अन्य सहयोगियों का नाम बताया है जिसकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। मांगी राम तांडी राजस्थान का रहनेवाला है। करीब एक साल पूर्व जिले में उसकी नियुक्ति सीएचओ के पद पर हुई थी। उसकी यह पहली पोस्टिंग भी थी। सभी की नियुक्ति राज्य मुख्यालय से हुई थी। वर्तमान में दोनों से कोविड टीकाकरण का काम लिया जा रहा था। उधर, मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी उसपर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। सिविल सर्जन डॉ. अरविंद कुमार ने बताया कि मामले से विभाग को अवगत कराया जाएगा। वहां से मिले निर्देश के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला
रविवार को इंटरनेट मीडिया में एक आडियो व एक वीडियो वायरल हुआ। आडियो में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से कह रहा है कि कासिम ने आपका नंबर दिया है। 60-65 लेबर को मुंबई जाना है। उसने आपसे बात करने को कहा है। जिसको कॉल किया गया उसने कहा कि किसी ने टीकाकरण भी कराया है क्या। इसपर कॉल करनेवाला कहता है कि लेबर है टीकाकरण कहां से कराएगा। जिसको कॉल किया गया वह तैयार हो गया। अंत में चार सौ रुपये प्रति व्यक्ति प्रमाणपत्र देने की बात तय होती है। जबकि वीडियो में सीएचओ मांगी राम टांडी एक आदमी पांच सौ रुपया लेते दिख रहा है। आडियो व वीडियो के वायरल होने के बाद उपायुक्त रामनिवास यादव ने ने इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था। प्रथम दृष्टया मामला सही पाए जाने के बाद राजमहल अनुमंडल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संजय कुमार के बयान पर राजमहल थाने में मामला दर्ज किया गया। इसके बाद मांगी राम तांडी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों की मानें तो तीन से चार लोग मिलकर इस रैकेट का संचालन कर रहे थे। जानकारों का कहना है कि अन्य प्रखंडों में भी जांच हो तो इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं। कुछ जगह बिना निबंधन के ही लोगों को टीका लगा दिया गया। इसमें विभागीय कर्मियों की संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता है। पिछले दिनों कोविड पाेर्टल पर अपलोड डाटा में काफी अंतर आया था। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आपत्ति भी जतायी थी। जिले के अधिकारियों की ओर से बताया गया कि पोर्टल पर डाटा अपलोड न होने से इस तरह की समस्या उत्पन्न हुई है।
राजमहल के लोगों ने दुमका से बनवाया था फर्जी जन्म प्रमाणपत्र
राजमहल अनुमंडल क्षेत्र में अनेक तरह के अवैध कार्यों को अंजाम दिया जाता है। अनुमंडल क्षेत्र के उधवा से शटर कटर गिरोह के दर्जनों सदस्य गिरफ्तार किए जा चुके हैं। देशभर में बैंकों व ज्वेलरी दुकान में हुई चोरी की घटनाओं में यहां के लोगों की संलिप्तता सामने आती रही है। राजमहल के ही तीनपहाड़ से दर्जनों मोबाइल चोर पकड़े जा चुके हैं। पिछले दिनों राजमहल के कुछ लोगों द्वारा दुमका के जरमुंडी से बड़ी संख्या में जन्म प्रमाणपत्र बनवाने का मामला सामने आया था। गलत तरीके से प्रमाणपत्र जारी किया गया था। मामले के सामने आने के बाद पूरे राज्य में इसकी जांच करायी गई थी। राजमहल अनुमंडल क्षेत्र में समय समय बांग्लादेशी घुसपैठ की भी बात सामने आती रही है। घुसपैठ करनेवालों ने गलत तरीके से अपना आधार भी बनवा लिया तथा वोटर लिस्ट में नाम शामिल करा लिया। इस मामले में राधानगर थाने में कई मामले भी दर्ज हैं। राजमहल विधायक अनंत ओझा घुसपैठ के मामले को कई बार विधानसभा में उठा चुके हैं।