Sahebganj Police: चोरों को पकड़कर बनी शेर, चोरी हुई तो भीगी बिल्ली
कूरियर कंपनी के कार्यालय से चोरों ने करीब 14 लाख रुपये नकद चुरा लिए। राजमहल थाना क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाके महाजनपट्टी में यह कार्यालय है। कार्यालय कर्मी गुरुवार की रात ऑफिस बंद कर घर चले गए। शुक्रवार की सुबह खोला तो सामान बिखरा पड़ा था।
साहिबगंज [ डॉ. प्रणेश ]। छोटे-मोटे चोरों को पकड़कर वाहवाही लूटने वाली राजमहल थाने की पुलिस शुक्रवार की सुबह चोरी की एक बड़ी घटना के सामने आने के बाद भीगी बिल्ली की तरह व्यवहार करने लगी। इस संबंध में जब पुलिस पदाधिकारियों से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो वे तरह-तरह के बहाने बनाने लगे। एक पुलिस पदाधिकारी ने कहा कि वे बाहर हैं तो दूसरे को कोई जरूरी काम आ गया।
कूरियर कंपनी से 14 लाख रुपये की चोरी
दरअसल, गुरुवार की रात ऑनलाइन सामान की सप्लाई करनेवाली एक कूरियर कंपनी के कार्यालय से चोरों ने करीब 14 लाख रुपये नकद चुरा लिए। राजमहल थाना क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाके महाजनपट्टी में यह कार्यालय है। कार्यालय कर्मी गुरुवार की रात ऑफिस बंद कर घर चले गए। शुक्रवार की सुबह खोला तो सामान बिखरा पड़ा था। इधर-उधर देखा तो पता चला कि दीवार काटकर चोर तिजोरी में रखे करीब 14 लाख रुपये ले गए हैं। इसकी सूचना राजमहल पुलिस को दी गई तो शिकायतकर्ता से ही तरह-तरह का सवाल पूछना शुरू कर दिया। बाद में पुलिस पदाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और छानबीन की। प्राथमिकी दर्ज हुई है या नहीं यह कोई बताने के लिए तैयार नहीं है। वैसे लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में जबकि पुलिस सड़कों पर हैं। ऐसे में आवासीय इलाके से चोरी होने पर लोग सवाल उठा रहे हैं।
2018 बैच के थानेदारों की क्षमता पर सवाल
हाल के दिनों में जिले के कई थानों की कमान 2018 बैच के अवर निरीक्षकों को दी गई है जिसकी क्षमता पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। पिछले दिनों राजमहल उपडाकघर से भी करीब साढ़े दस लाख की चोरी की घटना हुई थी जिसका पता पुलिस अब तक नहीं लगा पायी है। हाल ही में एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की गुमशुदगी का शिकायत राजमहल थाने में की थी लेकिन थानेदार ने उसमें हत्या की धारा लगाते हुए केस दर्ज कर दिया। मासिक अपराध समीक्षा में एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने इसके लिए थानेदार प्रणित पटेल को फटकार भी लगाई। पिछले दिनों रात में बाइक से निकलने पर पुलिस ने कुछ लोगों को रातभर हाजत में बंद रखा था जिसपर जमकर बवाल हुआ था। लोग सड़क पर उतर गए थे। वरीय अधिकारियों ने किसी तरह समझा-बुझाकर लोगों को शांत कराया था।